टी-सीरीज कंपनी के ओनर गुलशन कुमार की हत्या 1997 में हुई थी और इस हत्या का आरोपी अब्दुल रऊफ अभी उम्र कैद की सजा काट रहा है। बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला है कि अब्दुल रऊफ की सजा को बरकरार रखा जाएगा इसमें कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी और ना ही कोई दया दिखाई जाएगी क्योंकि अब्दुल रऊफ दया का हकदार नहीं है इससे पहले भी इसने ऐसे कई काम किए हैं जिसकी वजह से उसे गिरफ्तार किया गया था। गुलशन कुमार हत्या से जुड़ी याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला है कि अब्दुल रउफ की सजा नहीं रोकी जाएगी। सेशन कोर्ट की तरफ से अब्दुल रऊफ को उम्र कैद की सजा मिली थी अब्दुल रऊफ दाऊद इब्राहिम का ही भागीदार है जो अंडरवर्ल्ड का डॉन है। इसके अलावा अब्दुल रऊफ का भाई राशिद मर्चेंट उसको भी सेशन कोर्ट के द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाई गई है जिसे सेशन कोर्ट द्वारा पहले बरी कर दिया गया था।

गुलशन कुमार टी- सीरीज कंपनी के मालिक हैं जिनकी हत्या मुंबई के जुहू में की गई थी। इनके हत्याकांड में कुछ लोगों को आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है जानकारी के अनुसार गुलशन कुमार को मंदिर के बाहर गोलियों से मारा गया था जिन्हें लगभग 15 गोलियां लगी थी। इस फैसले की कार्रवाई जस्टिस बोरकर और जस्टिस जाधव के हाथों में है। जब कोर्ट द्वारा अब्दुल रऊफ को गुलशन कुमार की हत्या के आरोप में फैसला सुनाया गया था तब पैरोल के जरिए बांग्लादेश भाग गया था जिसे वहां से पकड़ कर लाया गया था और जेल में डाला गया था। 2002 में अब्दुल रऊफ को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी और 2009 में वह बांग्लादेश भागा था। इस कांड में बॉलीवुड प्रोड्यूसर रमेश तौरानी को गुलशन कुमार की हत्या के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया गया था। 

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