कोरोना महामारी का असर पूरे विश्व पर पड़ा है और आज भी लोगों की जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है। रोज की तरह लोगों ने ऑफिस जाना शुरू कर दिया है लेकिन छोटे बच्चे आज भी घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। कोरोना के डर की वजह माता-पिता भी छोटे बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं। हालांकि डॉक्टर बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अलग राय रख रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कोविड के दौरान लगातार घरों में रहने से बच्चों की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।

स्कूल जाना जरूरी


डॉक्टरों के एक पैनल ने बच्चों की सेहत पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि घरों में रहने से और ऑनलाइन क्लासेज के कारण बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में ऐसे बच्चे आ रहे हैं जो टेंशन के शिकार हो रहे हैं। बच्चों का स्कूल जाना भी जरूरी है और उनका टीकाकरण होना भी जरूरी है। बिना वैक्सीन के छोटे बच्चों को ज्यादा दिनों तक स्कूल भेजने पर खतरा हो सकता है। रैडिक्स हेल्थकेयर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ रवि मलिक ने कहा कि भारत में 18 साल की उम्र से कम के 48 लाख बच्चे हैं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना भी जरूरी है। जायडस कैडिला की वैक्सीन जल्द आने वाली है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस महीने के आखिरी तक बच्चों के लिए वैक्सीन बाजार में आ जाएगी।

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जल्द ही आएगी बच्चों के लिए वैक्सीन


डॉक्टर्स ने वैक्सीन के बारे में बात करते हुए बताया कि अब तक की रिसर्च में जायडस कैडिला की वैक्सीन बच्चों के लिए सेफ है।भारत की तुलना में बाकी देशों में छोटे बच्चों के लिए वैक्सीन आ गई है और बच्चों को लगनी भी शुरू हो चुकी है। इटली में चार-पांच महीने में छोटे बच्चों की वैक्सीन भी आ सकती है। अभी वहां वैक्सीन ट्रायल चल रहा है।भारत में भी जल्द ही बच्चों को वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। अस्थमा से पीड़ित बच्चों पर बात करते हुए डॉक्टर्स के एक पैनल ने बताया कि जिन बच्चों को अस्थमा जैसी बीमारी है उन्हें वैक्सीन पहले लगनी चाहिए। 12 से छोटे बच्चों को भी खतरा है। माता पिता बच्चों को मानसिक रूप से स्कूल जाने के लिए तैयार करें।

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