Birth Control Pills: अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों (Birth Control Pills)का इस्तेमाल किया जाता है। बड़ी संख्या में इसका इस्तेमाल युवा वर्ग द्वारा किया जा रहा है। ये गोलियां कई प्रकार की होती है और इन्हें लेने की विधि भी अलग अलग होती है। आज हम आपको बताएंगे आपको कब और कौन सी स्तिथि में कंट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल करना चाहिए।

कितने प्रकार की होती है गोलियां

गर्भनिरोधक गोलियां दो तरह की होती है। एक को संबंध बनाने के तुरंत बाद लिया जाता है और दूसरी गोली का सेवन मासिक धर्म के हिसाब से नियमित रूप से किया जाता है। संबंध बनाने के तुरंत बाद ली जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियां (Birth Control Pills)भी दो तरह की होती है। एक गोली जहां 24 घंटे के अंदर लेनी होती है वहीं दूसरी को 72 घंटे के अंदर लिया जा सकता है।

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मासिक चक्र के हिसाब से जी गोलियां ली जाती है, ये भी दो प्रकार की होती है। एक होती है कंबाइंड गोली और दूसरी को मिनी गोली उसे कहा जाता है, जिसमें सिर्फ प्रोजेस्ट्रोन होता है। सिर्फ प्रोजेस्टेरोन वाली गोलियां मिनी गोली उन महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है जो बच्चों को स्तनपान करा रही होती है, क्योंकि उन्हें एस्ट्रोजन हार्मोन नहीं दिया जा सकता है।

गर्भनिरोधक गोलियों (Birth Control Pills) का असर

आप डॉक्टर की सलाह के बाद अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी गोली ले सकती हैं। इनकी डोज का आपको खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि सही मात्रा में लेने पर इन गोलियों के फायदे हैं तो गलत मात्रा में लेने पर आपको भारी नुकसान हो सकता है।आपत्कालीन गोलियां जिन्हें सुरक्षित सेक्स के 24 से 72 घंटों के अंदर लिया जाता है उन्हें लेने पर कुछ खास तरह की समस्याएं हो सकती है।

ये हैं साइड इफेक्ट

1.सिर दर्द
2.पेट दर्द
3.अगले पीरियड्स में बदलाव होना
4.पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द होना
5.पीरियड्स में ब्लीडिंग अधिक होना

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