नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फॉर्मास्युटिकल्स कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) द्वारा तैयार कि गई कोरोना वैक्सीन को लेकर आज नतीजे आ सकते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड को कोरोना वैक्सीन के प्रारंभिक परीक्षण में सफलता मिली है। जिसको लेकर आज घोषणा कि जा सकती है। दरसल यहां जिस वैक्सीन का परिक्षण हो रहा है उसके तीसरे चरण का परीक्षण ब्राजील में शुरु किया गया था, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए थे।

वैक्सीन के पहले चरण का कैसा रहा परिणाम:
हालंकि वैक्सीन के पहले चरण का परिणाम आना अभी बाकी है. पहले चरण के परिणाम से वैक्सीन के सुरक्षित होने के विषय में जानकारी मिलेगी। जबकी वैज्ञानिकों का मानना है कि वैक्सीन के असर को देखकर बेहतर परिणाम की उम्मीद है। वही संभावना जताई जा रही है कि जुलाई के अंत तक पहले चरण के परिक्षण से जुड़ी जानकारी को साझा किया जाएगा। इस परिणाम के आने के बाद कई सवालों के जवाब भी मिल जाएंगे जैसे कि कोरोना को मात देने में के लिए ये वैक्सीन कैसे काम करेगी इत्यादी..

भारत कहां तक पहुंचा इस काम में :
भारत में दवा कंपनी जायडस कैडिला ने कोविड- 19 के संभावित टीके ‘जायकोव- डी’ का मानव चिकित्सकीय परीक्षण शुरू कर दिया है. परीक्षण के अलग-अलग चरणों में कंपनी देश में विभिन्न चिकित्सकीय अध्ययनों में 1,000 लोगों पर इसका परीक्षण करेगी. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच जायडस कैडिला को इस महीने के शुरू में घरेलू प्राधिकरण से कोविड- 19 टीके के मानव परीक्षण के लिये मंजूरी मिली थी.

कहां-कहां कोरोना वैक्सीन का हो रहा है ट्रायल:
अमेरिका में बायोटेक कंपनी मॉडर्ना ने 27 जुलाई के आसपास मानव अपनी बनाई गई वैक्सीन के परीक्षण के लिए अंतिम चरण का प्लान तैयार कर रही है. मॉडर्ना इसका 87 स्थानों पर ट्रायल करेगी. इधर, रूस के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि विश्व की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन अगस्त में लांच कर दी जाएगी. कोरोना वायरस वैक्सीन मामले में ब्रिटेन से भी उम्मीद है. यहां दो संभावित वैक्सीन उम्मीद जगाने का काम कर रही है. एक को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेंस द्वारा विकसित किया जा रहा है जो तीसरे चरण में हैं. वहीं दूसरे को इंपीरियल कॉलेज लंदन द्वारा विकसित किया जा रहा है और यह अभी दूसरे चरण में है. जिस देश ने दुनिया को कोरोना वायरस दिया, वह देश भी कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने में लगा है. जी हां, चीन में चार संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित की जा रही हैं.

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