E-Sanjeevani: ईसंजीवनी ओपीडी नागरिकों को गैर कोविड-19 और कोविड-19 संबंधी आउटपेशेंट स्वास्थ्य सेवाओं के इलाज मुहैया कराने का टेलीमेडिसिन मॉडल है। राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ईसंजीवनी से देशभर में प्रतिदिन लगभग 90000 रोगियों को इलाज मुहैया करा रहा हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ईसंजीवनी दो माध्यम से सेवा मुहैया कराती है। पहला माध्यम ईसंजीवनी एबी- एचडब्ल्यूसी हैं जो हब और स्पोक मॉडल पर आधारित है। दूसरा माध्यम ईसंजीवनी ओपीडी मॉडल पर आधारित है जो नागरिकों को उनके घरों की सीमा में आउटपेशेंट सेवाएं प्रदान करती हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी

इस सेवा को अपनाने का संकेत मिलता है कि इसे पूरे देश में रोगियों के साथ-साथ डॉ और विशेषज्ञों द्वारा व्यापक रूप से हाथों हाथ लिया जा रहा हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने ईसंजीवनी के बारे में कुछ ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि अंत्योदय की ईसंजीवनी! 5 करोड़ से अधिक लोगों को मिला ईसंजीवनी टेले कंसल्टेशन का लाभ। देश के दूर सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले गरीब को HWCs पर स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सलाह मिल रही है।

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ग्रामीण क्षेत्रों तक सेवाओं की पहुंच

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडवीया ने आगे लिखा कि ईसंजीवनी डिजिटल हेल्थ का उत्तम उदाहरण। इसका लाभ आप ऐप के जरिए भी ले सकते हैं। ईसंजीवनी में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बनाने में व्यापक सुधार किया हैं। यह सेवा विशेष रूप से मौजूदा महामारी की दूसरी लहर के कारण देश में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली पर अत्यधिक बोझ के दौरान शहरी क्षेत्रों में भी रोगियों के काम आई है।

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ओपीडी का मुख्य उद्देश्य

ईसंजीवनी ओपीडी का मुख्य उद्देश्य डिजिटलीकरण की मदद से उन व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना हैं जिनके लिए अस्पतालों का दौरा करना काफी मुश्किल होता हैं। राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा के तहत लाभार्थी को टैली परामर्श की पेशकश करने के लिए 1,00,000 से अधिक डॉक्टर और चिकित्सा विशेषज्ञ बोर्ड पर लगाए हुए हैं।

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