Lumpy Skin Disease Symptoms: देश में भी कोरोना वायरस का प्रकोप खत्म भी नहीं हुआ है कि एक और वायरस से तबाही मचा रहा है, हालांकि यह वायरस सिर्फ पशुओं तक ही सीमित है। जी हां देश के 12 राज्यों में इन दिनों लंपी वायरस से नाम के बीमारी पशु को निगल रही है। खासकर इसका प्रकोप राजस्थान में देखने को मिल रहा है। राज्य के 57000 मवेशियों की इस बीमारी से जान जा चुकी है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत देश के अन्य राज्यों में मवेशी को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए जा रहे हैं।

आखिर क्या है यह लंपी वायरस?

कैपरी पॉक्स को लंपी वायरस के तौर पर जाना जाता है। इसे ढेलेदार त्वचा रोग वायरस भी कहते हैं। इस वायरस की शुरुआत पॉक्सविरिडाए डबल स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस परिवार से होती है।पॉक्सविरिडाए को पॉक्सवायरस भी कहते हैं इसे प्राकृतिक मेजबान रीढ़ और बिना रीढ़ वाले जंतु हैं। इस परिवार में वर्तमान में 83 प्रजातियां हैं, जो 22 पीढ़ियों और 2 परिवारों में विभाजित है। इस परिवार से जुड़ी बीमारियों में स्मॉल बॉक्स यानी चेचक भी शामिल है।

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आपको बता दें कि पशु स्वास्थ्य के लिए विश्व संगठन ने इस बीमारी को अधिसूचित किया है यह वायरस पशुओं की खाल पर संक्रमण फैलाते हैं कैमल पॉक्स हॉर्स पॉक्स और एवीएन फॉक्स के साथ इनका सिरम संबंध नहीं होता है। अध्ययनों से पता चला है कि जिराफ और इंपाला भी लंपी वायरस के लिए बेहद ग्रहण शील होते हैं। यह वायरस एशिया और अफ्रीका में पाया जाता है, कीट पतंगे इसके लिए रोग वाहक के रूप में काम करते हैं, जो इस बीमारी को एक पशु से दूसरे में फैला देते हैं। कहा जाता है कि इंसान कैपरी पॉक्स वायरस से संक्रमित नहीं हो सकते।

क्या हैं लंपी वायरस के लक्षण

आमतौर पर पशुओं की खाल पर गांठ पड़ जाती है, फिर उनमें पास पड़ जाता है। घाव आखिर में खुजली वाली पपड़ी बन जाती है। जिस पर वायरस महीनों तक बना रहता है। यह वायरस जानवर की लार नाक के स्राव और दूध में भी पाया जा सकता है। इसके अलावा पशुओं की लसीका ग्रंथि में सूजन आना, बुखार आना अत्यधिक लार आना और आंख आना वायरस के अन्य लक्षण है।

लंपी वायरस का इलाज क्या है?

अभी तक इस बीमारी के लिए कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन पूर्वी अफ्रीका के देश केन्या में शीप पॉक्स और गोट पॉक्स के लिए बने टीके कैपरी पॉक्स के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के उपाय के तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं, क्योंकि कैपरी पॉक्सवायरस सिंगल सिरोटाइप होता है। इसलिए वैक्सीन का असर लंबा चलता है पशुओं में बीमारी फैलने पर उन्हें अलग रखने की सलाह दी जाती है। भारत में इस वायरस के लिए पशुओं के गोट पॉक्स वैक्सीन की डोज दी जा रही है।

पशुओं के लिए क्या है केंद्र सरकार के इंतजाम

केंद्र सरकार का कहना है कि लंबी वायरस को लेकर सभी 12 राज्यों की मांग के अनुसार गोट पॉक्स वैक्सीन उपलब्ध करा दी गई है।

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