Organ Donation: देश और दुनिया में आपने अंग दान को लेकर कई सारी खबरों के बारे में पढ़ा होगा देखा और सुना होगा। लेकिन इसके बाद भी लोग अपने शरीर के अंगों का दान करने से बचते हैं।कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने अंगदान के लाभों के बारे में जनता में जागरूकता की कमी पर चिंता व्यक्त की, जो विदेशों में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में हर साल जोड़े गए 1.50 लाख नए मरीजों में से केवल 5,000 किडनी रोगी ही देश में किडनी डोनेशन प्राप्त कर पाए हैं।

भारत में अंग दान कम लोग क्यों करते हैं

भारत में इतनी ज्यादा संख्या होने के बाद भी लोग बहुत कम अंग दान करते हैं।भारत में अंगदान की ज़रूरत बेहद ज्यादा है, क्योंकि 2019 में मरने वाले केवल 0.9 प्रतिशत लोग ऑर्गन डोनर्स थे। हमारे देश को लगभग 2 लाख गुर्दों, 50,000 हृदय और 5,000 लिवर चाहिए। अंग दान से लोगों की जान बचाई जा सके।आपको बता दें, जो व्यक्ति अपना अंगदान करता है, उसे ‘ऑर्गन डोनर’ कहा जाता है, जबकि अंग पाने वाले व्य्क्ति को ‘रेसिपिएंट’ कहा जाता है। तमाम जागरूक अभियान चलाने के बाद भी लोग अंग दान नही करना चाहते हैं। आज हम आपको उन्हीं भ्रांतियों के बारे मे बताने जा रहे हैं। जिनके कारण लोग अपने अंगों का दान नहीं कर पाते हैं।

धर्म

कई लोगों का मानना है कि, उनके धर्म में अंग दान करने का प्रचलन नहीं है। इसलिए वो अंग दान नहीं करना चाहते हैं। लेकिन ऐसा नहीं अगर किसी की जान अंग देकर बचाई जा सके तो उससे बड़ा कोई धर्म नहीं होता है।

मरने के बाद


काफी लोगों को लगता है कि, मरने के बाद अंग किसी भी काम के नहीं रहते हैं लेकिन ऐसा नहीं है।मृत्यु के बाद अंगदान के लिए केवल कॉर्निया को लिया जा सकता है और वो भी 6 घंटे के अंदर ही।

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अंग दान करने पर कमजोर पड़ जाता है शरीर

काफी लोगों के लगता है कि, किडनी या फिर गुर्दे को जीते जी किसी को दान करने पर उनका शरीर कई तरह की बीमारियों से घिर जाएगा। इसके साथ ही उन्हें कई सारी बीमारियां हो जाएंगी। जबकि ऐसा होत नहीं है। किडनी या फिर गुर्दा देने पर किसी भी तरह की कमजोरी नहीं आती है।

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महिलाओं के शरीर में पुरूषों के अंग नहीं लगाए जा सकते हैं

कुछ लोगों को ये लगता है कि, महिलाओं और पुरुषों के लिवर तथा किडनी एक समान नहीं होते हैं , लेकिन आपको बता दें, इन्हेंं सुरक्षित तरीके से आपस में प्रत्यानरोपित किया जा सकता है। इसलिए इस भ्रांति क नहीं मानना चाहिए।

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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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