NEW DELHI: शरीर के हर हिस्से की तरह कान की सफाई भी जरूरी है लेकिन क्या आप जानते है कि कान के मैल से आप अपने शरीर में होने वाली गंभीर बीमारियों के बारे में जान सकते हैं। कान के मैल से आप डायबिटीज और पेट संबंधी बीमारियों तक को पहचान सकते हैं। कान का मैल (ईयर वैक्स) पसीने और शरीर के ही ऑयल से बना होता है खासकर ये डेड स्किन सेल्स और बालों के साथ मिलकर बना होता है…कई बार ये जेनेटिक्स पर भी आधारित होता है।

स्पेक्सेवर्स के चीफ ऑडियोलॉजिस्ट गॉर्डन हैरिसन ने express.co.uk से बताया हर इंसान का वैक्स अलग-अलग होता है…कई बार ये जैल,पापड़ी या चिपचिपे रूप में कानों में पाया जाता है ज्यादातर इसका रंग ब्राउन या ऑरेंज होता है। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आपके कान में सफेद, पीला, ब्राउन और ब्लैक ईयर वैक्स मिलता है तो आप पूरी तरीके से स्वस्थ हैं लेकिन इन रंगों के अलावा किसी और रंग का मिलता है तो समझ लें कि आप किसी रोग से ग्रसित हैं। इतना ही नहीं कान के मैल से स्ट्रेस बढ़ाने वाले हार्मोन कोर्टिसोल का भी पता लगाया जा सकता है।

1278802459 Luis Alvarez/Getty Images

ऑरिस ईयर केयर के क्लिनिकल डायरेक्टर मिशा वरकर्क के मुताबिक अगर आपका ईयर वैक्स रंग का है और चिपचिपाहट के साथ बदबू आ रही है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हरे रंग का वैक्स कान के लिए घातक हो सकता है। डायरेक्टर मिशा वरकर्क  ने बताया कि टाइप-2 डायबिटीज जो बेहद आम बीमारी बन गई है इसका पता भी ईयर वैक्स से लगाया जा सकता है। इस रोग में शुगर लेवल बढ़ जाता है और रात के समय पेशाब आने की समस्या बढ़ जाती है। साथ ही इंसान को थकावट और कमजोरी महसूस होती है। इसके अलावा आंखों के कम दिखना,तेजी से वजन घटना, खुजली होना और घावों का देरी से भरना भी इसके लक्षण हैं।

Share.
Exit mobile version