Tomato Fever: महामारी के अलावा कई ऐसे दूसरे संक्रमण है जो अब नजर आ रहे हैं। कोविड-19 के अलग अलग वैरिएंट, मंकीपॉक्स और अब टमैटो फीवर यानी टोमैटो फ्लू भी बढ़ता नजर आया है। इस अत्यंत दुर्लभ वायरस जनित बीमारी का पहला मामला केरल में देखा गया। 11 मई को मिले इस संक्रमण ने 5 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित किया है। इसमें शरीर पर टमाटर के जैसे फफोले नजर आते हैं। संक्रामक प्रकृति के कारण यह केरल के पड़ोसी राज्य में भी फैल गया है।
क्या है टोमेटो फीवर
टमैटो फ्लू नाम इस तथ्य के कारण दिया गया है कि छाले आमतौर पर गोल और लाल रंग के होते हैं जो टमाटर के जैसे दिखते हैं। जो लोग इससे प्रभावित है उन्हें त्वचा में जलन, छाले, रेशैज और डिहाइड्रेशन हो जाता हैं। यह अभी तक निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है कि इसका प्रेरक एजेंट चिकनगुनिया, वायरल संक्रमण या डेंगू बुखार से जुड़ा हैं। अब चेतावनी दी गई है कि यदि रोकथाम के उपायों का तुरंत पालन नहीं किया गया तो यह संक्रमण अन्य राज्यों में भी फैल सकता है।
टोमैटो फ्लू के लक्षण
इससे संक्रमित ज्यादातर बच्चों को बुखार चकत्ते, त्वचा में जलन और डिहाइड्रेशन की गंभीर समस्या होती है। टमैटो फ्लू से शरीर के कई हिस्सों पर लाल कलर के छाले हो जाते हैं। डॉक्टर का कहना है कि बुखार, मुंह में दर्दनाक घाव, हाथों, पैरों और नितंबों में छालों के साथ-साथ दाने, थकान, जोड़ों में दर्द, पेट में ऐठन, मतली, उल्टी, दस्त, खांसी, छींक आना, नाक बहना, तेज बुखार और सिर में दर्द टमाटर फ्लू के लक्षण है।
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संक्रमण से बचाव
जिन बच्चों को टमैटो फ्लू है उनसे संपर्क में नहीं आना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तन, कपड़े और अन्य वस्तुओं को नहीं छूना चाहिए। बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करें। टमैटो फ्लू से पीड़ित बच्चों को ठंडे पानी से नहाना चाहिए। नहाने के बाद स्किन इरिटेशन को शांत करने के लिए स्किन लोशन जरूर लगाएं। बच्चों के आसपास सफाई रखें। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें। मसालेदार और नमकीन भोजन खाने से परहेज करें।
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