Mumbai: भायखला चिड़ियाघर में पेंग्विन की देखभाल के लिए ज्यादा खर्च किए जाने पर विवाद शुरू हो गया है। सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी की सहयोगी कांग्रेस ने 15 करोड़ रुपये का टेंडर निकाले जाने पर सवाल उठाकर सियासी घमासान मचा दिया।

क्या है मामला
दरअसल 2018 से सितंबर 2021 तक के लिए पेंगुइन की देखभाल के लिए 11.5 करोड़ का टेंडर निकाला गया था। हालांकि यह टेंडर इसी महीने खत्म होने वाला है, ऐसे में 15 करोड़ का टेंडर निकाला गया, जो पिछले टेंडर से थोड़ा ज्यादा है। चिड़ियाघर प्रशासन ने भी कहा है कि, महंगाई के कारण रकम बढ़ाई गई है।

अस्पतालों से ज्यादा पेंग्विन पर खर्च करने का आरोप
वहीं बीएमसी में विपक्ष के नेता रवि राजा ने आरोप लगाया कि, “बीएमसी अस्पतालों से ज्यादा इसपर खर्च कर रही है. इतना हाई मेनटिनेंस उचित नहीं है. बीएमसी को रखरखाव की लागत की समीक्षा करनी चाहिए. 5 साल में बीएमसी को रखरखाव की क्षमता का विकास किया जाना था.”

मेयर ने क्या कहा
इस मामले पर मुंबई की मेयर ने कहा कि, “पेंग्विन मुंबई की एक विशिष्ट पहचान और चिड़ियाघर का मुख्य आकर्षण बन गए हैं. ये खर्चे निश्चित तापमान वाले बाड़े के रख रखाव से संबंधित होते हैं. महामारी के वक्त चिड़ियाघर बंद था. लेकिन जल्द ही लोग इन्हें देखकर आकर्षित होंगे. अगर टेंडर में कोई अनावश्यक वृद्धि हुई है, तो हम समीक्षा करेंगे.”

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दरअसल साल 2016 में 8 पेंग्विन लाये गए थे, जिनका चिड़ियाघर में 1800 वर्ग फिट का बाड़ा है, इसमें वाटर पूल आवास क्षेत्र, एयर हैंडलिंग यूनिट और कूलिंग सिस्टम लगाया गया है। इस परियोजना को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने पर्यटन मंत्री रहते हुए शुरू किया था।

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