Air Pollution: वायु प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा हैं। शिकागो यूनिवर्सिटी के नए अध्ययन के अनुसार खुलासा हुआ कि वायु प्रदूषण (Air Pollution) के चलते भारत में करीब 10 साल तक लोगों की उम्र घट रही है। एक अध्ययन के अनुसार पता चला है कि उत्तर प्रदेश बिहार हरियाणा और त्रिपुरा में वर्तमान समय में शीर्ष भारत राज्य वायु प्रदूषण से प्रभावित है। इसके अलावा विश्व स्तर पर भारत-बांग्लादेश के बाद दूसरा सबसे प्रदूषित देश हैं।

दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर

भारत में दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर हैं। जहां वायु प्रदूषण की वजह से जिंदगी करीब 10 साल कम हो रही है। इसके अलावा यूपी की राजधानी लखनऊ में प्रदूषण सूचकांक आम जनजीवन को ज्यादा प्रभावित करता है। लखनऊ में 9.5 साल जिंदगी छोटी हो रही है। यह सभी प्रदूषण सूचकांक वायु प्रदूषण का जीवन प्रत्याशा पर पड़ रहे प्रभाव के बारे में बताते हैं। वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हवा में PM2.5 का स्तर 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर का लक्ष्य रखा हैं। लेकिन भारत में यह दूरी की कौड़ी साबित हो रहा है।

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लोगों की जिंदगी 10 साल छोटी

रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में सिंधु गंगा का मैदान दुनिया का सबसे प्रदूषित क्षेत्र हैं। यदि वर्तमान प्रदूषण का स्तर इस तरह बना रहा तो पंजाब से लेकर पश्चिम बंगाल तक 50 करोड़ से ज्यादा लोगों की जिंदगी 10 साल छोटी हो सकती है। वायु प्रदूषण के कारण जीवन प्रत्याशा शराब के इस्तेमाल और असुरक्षित पानी पीने से तीन गुना से अधिक, HIV/एड्स से छह गुना ज्यादा और हिंसा तथा आतंकवाद की तुलना में 89 गुना अधिक कम होती हैं। बता दें कि मातृत्व कुपोषण से औसत आयु 1.8 साल और धूम्रपान से 1.5 साल कम होती है।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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