Today ‘Bharat Bandh’: देश में पिछले काफी समय से जाति आधारित जनगणना स (Caste census) को लेकर मांग की जा रही है। देश की कई विपक्षी पार्टियां इस मांग को केंद्र की मोदी सरकार के समक्ष बड़ी ही सख्ती के साथ रख चुकी हैं। लेकिन अब इस पर मामला काफी गहरा गया है और बात अब ‘भारत बंद’ (Bharat Bandh) तक पहुंच गई है।
आज, यानी बुधवार 25 मई को पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय संघ (Backward and Minority Community Association) के सदस्यों द्वारा ‘भारत बंद’ के आह्वान के बाद भारत के कई हिस्सों में हड़ताल रहेगी।
ये संगठन दे रहे हैं इस हड़ताल को समर्थन
बता दें कि इस देशव्यापी हड़ताड़ पर बामसेफ (BAMCEF) के अध्यक्ष वामन मेश्राम (Vaman Meshram) ने कहा, “हमारे भारत बंद आंदोलन को राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन मुक्ति मोर्चा और कई अन्य संगठनों ने समर्थन दिया है।”
जानिए क्या है इस हड़ताल की पीछे की असली मांगे
देश भर में जाति आधारित जनगणना हड़ताल के पीछे प्रमुख मुद्दा है। इसको लेकर पहले भी कई राज्यों से मांग की जा चुकी है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। कुछ अन्य मांगों में चुनाव में ईवीएम (EVM) का उपयोग न करना शामिल है। साथ ही निजी क्षेत्र में एससी, एसटी और ओबीसी (OBC) को आरक्षण, किसानों को एमएसपी गारंटी (MSP), सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) को लागू न करने और पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने की भी मांग है। ओडिशा और मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण में पृथक निर्वाचन क्षेत्र भी अहम मुद्दा होगा।
इन जगहों पर दिख सकता है हड़ताल का असर
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, आज की हड़ताल का असर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कम दिखने की संभावना है। लेकिन फिर भी इसका आम लोगों पर खासा प्रभाव दिख सकता है। वहीं, देश के अन्य राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में इस देशव्यापी हड़ताल का काफी हद तक प्रभाव नजर आ सकता है।
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