सीडीएस जनरल बिपिन रावत अब हमारे बीच नहीं रहें। 9 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश हादसे में बिपिन रावत सहित 13 लोगों ने दुनिया को अलविदा कह दिया। कल देर रात बिपिन रावत समेत 13 लोगों को अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर सभी की आंखें नम थी। देश के पीएम नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह भी श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे थे। वहीं जनरल रावत की दोनों बेटियां अपने पिता और मां के ताबूत को सिर्फ देखे जा रही थी। वो कुछ कहने और चीख कर रोने की स्थिति तक में नहीं थी। माहौल तब बेहद गमगीन हो गया। इसी बीच शहीद ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर की बेटी के आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे।

नम आंखों से बेटियों ने दी पिता को अंतिम विदाई


शहीद ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर की बेटी ने नम आंखों से अपने पिता को अंतिम विदाई दी। वो पहले ताबूत के पास गई और कुछ देर तक ताबूत को निहारती रहीं। फिर उन्होंने ताबूत को नम आंखों से चूम लिया।ये देखकर वहां मौजूद सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए। बता दें कि आश्ना 12वीं की छात्रा हैं। किसी भी बेटी के लिए अपने पिता को खोने का दर्द बहुत बड़ा होता है इसका अंदाजा सिर्फ परिस्थिति को झेलने वाला ही लगा सकता है। गौरतलब है कि कल रात 9 बजे पीएम नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पहुंचे और जनरल रावत समेत सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने सबसे पहले हाथ जोड़े, सिर झुकाया और अपनी आंखें बंद कर लीं। उसके बार शहीद के परिवार वालों से मिल उनका हौसला मजबूत करने की कोशिश की।

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कुन्नूर में शहीदों की शहादत में उमड़ा था जनसैलाब

गौरतलब है कि गुरुवार दोपहर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 रक्षा कर्मियों के ताबूतों को ले जाने वाली 13 एम्बुलेंस कुन्नूर से सुलूर वायुसेना अड्डे के लिए रवाना हुईं थी। इस वक्त सड़कों पर जनसैलाब इकट्ठा हो चुका था।  50 किलोमीटर की दूरी तक लोग भारत माता की जय”, “वीरा वनक्कम, वीरा वनक्कम” (बहादुर को सलाम) और “जय हिंद के नारे लगाते देखे गये। 

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