रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में पश्चिमी देश अहम भूमिका निभा रहे हैं। ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों ने रूस से सीधे तौर पर भिड़ने से इंकार तो कर दिया लेकिन यूक्रेनी सैनिकों को लगातार पश्चिमी हथियार मिल रहे हैं। इस बीच कुछ खबरों में दावा किया गया कि ब्रिटिश स्पेशल फोर्सेस के लड़ाके यूक्रेन में मौजूद हैं। रूस की प्रमुख सरकारी जांच एजेंसी ने कहा कि वह एक रूसी मीडिया रिपोर्ट में किए गए उन दावों की जांच करेगी जिसमें कहा गया था कि ब्रिटेन की एसएएस स्पेशल फोर्सेस के फाइटर्स को कथित रूप से पश्चिमी यूक्रेन में तैनात किया गया है।

स्पेशल एयर सर्विस SAS एक एलाइट मिलिट्री फोर्स है जिसे निगरानी और आतंकवाद-विरोधी स्पेशल ऑपरेशन के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। रूसी की आरआईए नोवोस्ती न्यूज़ एजेंसी ने शनिवार को एक रूसी रक्षा सूत्र के हवाले से कहा कि एसएएस के लगभग 20 सदस्यों को लवीव क्षेत्र में तैनात किया गया है। एक बयान में जांच समिति ने कहा कि वह रिपोर्ट की जांच करेगी जिसमें कहा गया है कि इन्हें युद्ध में यूक्रेनी सेना की मदद करने के लिए भेजा गया है।

यूक्रेनी सेना को ट्रेनिंग देने आए थे ब्रिटिश सैनिक
रॉयटर्स की खबर के अनुसार ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम स्पेशल फोर्सेस पर कोई टिप्पणी नहीं करते हैं।’ ब्रिटेन ने कहा कि उसने स्थानीय सैनिकों को एंटी-टैंक हथियारों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग देने के लिए इस साल की शुरुआत में सैन्य प्रशिक्षकों को यूक्रेन भेजा था। लेकिन युद्ध शुरू होने से पहले 17 फरवरी को ब्रिटिश सरकार ने कहा था कि दूतावास की सुरक्षा में लगे सैनिकों को छोड़कर सभी सैनिकों को वापस बुला लिया है।

विशेष सैन्य अभियान के रास्ते यूक्रेन में न घुसें
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि रूसी जांच समिति ने इन दावों की जांच के लिए क्या कदम उठाने की योजना बनाई है। नाटो बलों की यूक्रेन में संभावित उपस्थिति की जांच की जा सकती है क्योंकि रूस पश्चिम को यूक्रेन में अपने ‘विशेष सैन्य अभियान’ के रास्ते में नहीं आने की चेतावनी दे चुका है। रूसी हमलों ने यूक्रेन के मारियुपोल शहर को मलबे में तब्दील कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल में एक स्टील प्लांट पर शनिवार को हमला किया।

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स्टील प्लांट में छिपे सैनिकों को मारकर दम लेगा रूस?
यूक्रेन में राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख के एक सलाहकार ओलेक्सीव एरस्तोविच ने इस हमले की जानकारी दी। उन्होंने अज़ोवस्तल प्लांट में बचे यूक्रेनी सैनिकों के साथ करीब 1,000 नागरिकों के शरण लिए होने का अनुमान व्यक्त किया है। पुतिन का दावा है कि मारियुपोल अब रूस के कब्जे में है। कुछ दिनों पहले रूसी राष्ट्रपति ने स्टील प्लांट पर हमले रोकने और घेराबंदी करने के आदेश दिए थे। लेकिन अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि रूस ने प्लांट के भीतर छिपे सैनिकों को मारने की ठान ली है।

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