चीन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उसका झुकाव पाकिस्तान की तरफ ज्यादा है। दरअसल हाल फिलहाल चीन पाकिस्तानी छात्रों को पढ़ाई के लिए दोबारा देश में बुलाने की तैयारी कर रहा है। हालांकि इसकी घोषणा भी कर दी गई है, परंतु इस बीच सबसे ज्यादा चिंता का विषय यह है कि चीन ने भारतीय छात्रों को देश में बुलाने के लिए अब तक किसी तरह की घोषणा नहीं की है। सिर्फ यही नहीं जब चीन के विदेश मंत्रालय से पूछा गया, तो उन्होंने इस सवाल पर सीधा जवाब तक नहीं दिया। कई सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि चीन भारत के अलावा पाकिस्तान सिंगापुर मंगोलिया और श्रीलंका के छात्रों को वापिस पढ़ाई के लिए बुला रहा है, परंतु भारत के छात्रों की वापसी को लेकर किसी भी तरह का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है।

इस मामले पर चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि “वह विदेशों में फंसे हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को समन्वित तरीके से चीन में लौटने पर विचार कर रहे है।” हालांकि अभी यह पूरी तरह तय नहीं किया गया है कि इन छात्रों की वापसी कब तक होगी, या इन्हें वापस बुलाने के लिए कौन सी योजनाएं तैयार की गई है। वहीं दूसरी तरफ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने अपने द्वारा दिए गए बयान में कहा है कि “हम विदेशी छात्रों को उनकी पढ़ाई के लिए चीन लौटने की अनुमति देने के लिए एक समन्वित तरीके से विचार कर रहे हैं।” इस बयान में गौर करने वाली बात यह है कि मंत्रालय के प्रवक्ता ने किसी भी देश को प्रमुख तौर पर इंगित करके बयान जारी नहीं किया है।

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भारतीय छात्रों के सवाल पर बोले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता

जानकारी के लिए बता दें कि अपने बयान में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारतीय छात्रों की वापसी को लेकर भी जो सवाल पूछा गया था। उसके जवाब में कहा है कि “मैं आपको बता सकता हूं कि चीन की सरकार अपनी पढ़ाई के लिए चीन लौटने वाले विदेशी छात्रों के मुद्दों को बहुत महत्व देती हैं। हम विदेशी छात्रों को उनकी पढ़ाई के लिए चीन लौटने की अनुमति देने के लिए समन्वित तरीके से व्यवस्था करने पर विचार कर रहे हैं। हम हमारे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोगों के स्वस्थ, सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से चीन में आने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने के लिए तैयार हैं।”

इस बीच सवाल यह उठता है कि आखिर वह कौन से इशारे थे, जिनमें यह सिद्ध होता है कि चीन का झुकाव पाकिस्तान की तरफ है? दरअसल आपको बता दें कि अभी हाल ही में चीन और पाकिस्तान ने एक संयुक्त बयान जारी किया है। इस साझा बयान में कहा गया कि “पाकिस्तानी पक्ष ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि चीन शिक्षा के लिए एक लोकप्रिय जगह बन गया है। कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए चीन पाकिस्तानी छात्रों के चीन लौटने और विवेकपूर्ण तरीके से कक्षाएं फिर से शुरू करने की व्यवस्था करेगा।”

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