प्रवर्तन निदेशालय ED ने शनिवार को बेंगलुरु स्थित चीनी दूरसंचार फर्म शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया के 5,551.27 करोड़ रुपए जब्त किए। ईडी द्वारा महीनों की लंबी जांच के बाद जब्ती की गई। Xiaomi देश के शीर्ष मोबाइल फोन ब्रांडों में से एक है। इसका सालाना कारोबार 34,000 करोड़ रुपए है। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 के प्रावधानों के तहत Xiaomi के चार बैंक अकाउंट से पैसा जब्त किया गया है।

ईडी के सूत्रों ने कहा कि कंपनी पहले ही चीन में अपने समूह की कंपनियों को पैसे का एक बड़ा हिस्सा भेज चुकी है। शेष राशि एचएसबीसी, सिटी बैंक, आईडीबीआई और ड्यूश बैंक में पड़ी थी। रॉल्टी राशि उसके चीनी मूल ग्रुप के निर्देश के आधार पर भेजी गई। सूत्र ने कहा कि एक निश्चित राशि दो और असंबंधित यूएस-आधारित संस्थाओं को भी भेजी गई है।

कंपनी 2014 से भारत में काम कर रही है। समझौते के अनुसार यह भारत में निर्माताओं से पूरी तरह से निर्मित हैंडसेट खरीदती है। ईडी ने कहा कि इन अनुबंध निर्माताओं को की चीन में स्थित शाओमी की समूह संस्थाओं के साथ कच्चे माल की आपूर्ति और मोबाइल सेट के निर्माण के लिए कंपनी द्वारा प्रदान किए गए विनिर्देशों के अनुसार सीधी व्यवस्था है।

शाओमी इंडिया ने इन अनुबंध निर्माताओं को कोई तकनीकी इनपुट या सॉफ्टवेयर से संबंधित सहायता प्रदान नहीं की है। दिलचस्प बात यह है कि Xiaomi India ने उन तीन विदेशी आधारित संस्थाओं को धन हस्तांतरित किया है। जिनसे उन्होंने किसी भी प्रकार की सेवा का लाभ नहीं उठाया है। ईडी के अनुसार कंपनी ने कथित तौर पर विदेशों में पैसा भेजते समय बैंकों को भ्रामक जानकारी भी प्रदान की है।

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Xiomi India ने ट्विटर के जरिए दी सफाई
श्याओमी इंडिया ने पूरे मामले में अपनी सफाई पेश की है। ट्विटर पर जारी एक बयान में कंपनी ने कहा कि उसने किसी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है। कंपनी के मुताबिक उसके खिलाफ जो भी कार्रवाई की गई है, वह गलतफहमी का नतीजा है, जिसे कंपनी अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखकर दूर करने की कोशिश करेगी।

कंपनी की तरफ से ट्विटर पर जारी बयान में कहा गया है, “हम भारत के प्रति कमिटेड ब्रांड हैं और हमारे सभी ऑपरेशन्स में भारतीय नियम-कानूनों का पूरी तरह से पालन किया जाता है। हमने सरकारी अधिकारियों के आदेश का बारीकी से अध्ययन किया। हमें विश्वास है कि हमारे सभी रॉयल्टी पेमेंट्स और बैंक को दिए स्टेटमेंट पूरी तरह सच्चे और कानूनी तौर पर सही हैं। श्याओमी इंडिया ने ये रॉयल्टी पेमेंट्स हमारे प्रोडक्ट्स के भारतीय वर्जन में इस्तेमाल की गई इन-लाइसेंस्ड टेक्नॉलजीज़ और IPs के लिए किए गए हैं। श्याओमी इंडिया द्वारा इन रॉयल्टी पेमेंट्स का भुगतान किया जाना एक वैध कॉमर्शियल अरेंजमेंट है। बहरहाल, हम किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

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