कृषि कानूनों को सरकार की तरफ से रद्द कर दिया गया है, लेकिन उसके बाद किसान दिल्ली की सीमाओं से हटने को तैयार नहीं है। इस बीच आज संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बैठक बुलाई गई थी। जिसमें फैसला लिया गया है कि, किसान सोमवार को संसद तक होने वाली ट्रैक्टर रैली अब नहीं निकालेंगे।
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किसानों ने लिया फैसला
सरकार की ओर से कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए संसद में सोमवार को बिल पेश किया जाएगा। वहीं, केंद्र सरकार ने किसानों की एक और मांग मान ली है। अब पराली जलाना अपराध नहीं माना जाएगी। आपको बता दें, किसानों ने 29 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद तक ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया था, लेकिन अब इसे रद्द कर दिया है।
राकेश टिकैत ने किया था एलान
इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने लखनऊ की किसान महापंचायत से पहले ये कहा था कि 26 नवंबर तक के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अपने तय समय पर ही होंगे। लेकिन अब संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे बदल दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से यह एलान प्रेस कॉन्फ्रेंस करक किया गया है। आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी। अब सोमवार को इस मामले पर आगे की कार्रवाही की जा सकती है। किसानो की तरफ से वापस लिए गए इस फैसले की अब हर तरफ चर्चा हो रही है।
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