Firecrackers Ban: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों पर लगे बैन को हटाने से इंकार कर दिया है। कल 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट पटाखों के उपयोग के संबंध में पहले ही आदेश पारित कर चुकी हैं। अब पिछले आदेश इसी तरह ही जारी रहेंगे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया। याचिका में त्योहारी सीजन के दौरान पटाखों की खरीद बिक्री और उपयोग पर लगे प्रतिबंध को चुनौती दी गई। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध को हटाने से इंकार कर दिया।

खरीद बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध

दायर याचिका में कहा गया कि दीवाली जैसे त्योहारों के समय हिंदू, सिख, ईसाई और अन्य लोगों के त्योहारों के समय में पटाखों की खरीद बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया था। याचिका में सभी राज्यों को यह निर्देश देने की मांग की गई कि आने वाले त्योहारी सीजन के दौरान पटाखों की बिक्री का उपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने जैसी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए। क्योंकि त्योहारी सीजन में इस तरह की गिरफ्तारी और प्राथमिकी से बड़े पैमाने पर समाज के लिए बुरा संदेश है। इसके साथ ही अनावश्यक रूप से लोगों में भय और गुस्सा भी पैदा हो जाता है।

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ग्रीन पटाखों पर भी प्रतिबंध

अब इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि दिवाली, छठ पूजा, गुरु नानक जयंती, क्रिसमस डे और नए साल के अवसर पर दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एम आर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता अच्छी नहीं है। पटाखे के इस्तेमाल से वायु गुणवत्ता और ज्यादा प्रभावित होती है, जिस वजह से हालात और खराब हो जाएंगे। पीठ ने इस मामले के साथ-साथ पराली का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ग्रीन पटाखों के उपयोग को भी प्रतिबंधित किया जाए।

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