Hamid Ansari News: भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को लेकर एक बार फिर कई सवाल पूछे हैं। दिल्ली में पत्रकार सम्मेलन के दौरान बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक तस्वीर दिखाते हुए कहा, आतंकवाद के विषय पर आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस की तस्वीर में दिख रहा है कि बीच में हामिद अंसारी जी बैठे हैं, उसी मंच पर पाकिस्तान के बहरूपिया पत्रकार, पाकिस्तान का एजेंट नुसरत मिर्जा भी बैठा है।
पिछले दिनों बीजेपी ने हामिद अंसारी और कांग्रेस पार्टी पर गंभीर सवाल उठाए थे। दरअसल, पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्ज़ा ने आरोप लगाया था कि भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने उन्हें साल 2005-2011 के बीच पाँच बार दिल्ली बुलाया और इस दौरान हुई बातचीत में ख़ुफ़िया और संवेदनशील जानकारियां साझा कीं।
नुसरत मिर्ज़ा ने दावा किया कि उन्होंने ये जानकारियां पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के साथ साझा की थीं, जिसका इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ किया गया। इसके बाद ही बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके हामिद अंसारी को घेरा था।
बाद में हामिद अंसारी ने पाकिस्तानी पत्रकार के दावों और बीजेपी के आरोपों पर जवाब दिया था। हामिद अंसारी ने एक बयान जारी करके कहा था कि उनके ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। लेकिन अब बीजेपी ने एक बार फिर कांग्रेस और हामिद अंसारी पर कई सवाल उठाए हैं।
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, भाजपा द्वारा पूछे गए कांग्रेस पार्टी और हामिद अंसारी से सवालों के जवाब में हामिद अंसारी जी ने सारा ठीकरा कांग्रेस सरकार पर ये कह कर फोड़ा कि जो उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम में बुलाए जाते हैं, वो सरकार की सलाह से बुलाए जाते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या ये सत्य नहीं है कि इस तरह का कोई भी कार्यक्रम आयोजित होता है तो उसकी क्लेरेंस क्या इंटेलीजेंस एजेंसी के इनपुट के बाद दी जाती है?
गौरव भाटिया ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकवाद से कैसे लड़ना है, ये कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान के आईएसआई एजेंट से सीख रही थी। उन्होंने कहा, हामिद अंसारी जी कहते हैं कि मैंने आतंकवाद के विषय पर 11 दिसंबर 2010 एक कांफ्रेंस का उद्घाटन किया था। संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। किसी भी व्यक्ति से ऊपर हमारा देश भारत है और भारत के नागरिकों का हित है।
दो दिन पहले अपने जवाब में हामिद अंसारी ने कहा था- मेरे ख़िलाफ़ व्यक्तिगत रूप से एक के बाद एक कई झूठ बोले गए। पहले मीडिया के एक वर्ग ने और बाद में बीजेपी के अधिकारिक प्रवक्ता ने। उन्होंने कहा था, “ये कहा गया कि मैंने भारत का उपराष्ट्रपति रहते हुए पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्ज़ा को न्यौता दिया। ये कहा गया कि मैंने दिल्ली में आतंकवाद पर एक सम्मेलन में उनसे मुलाक़ात की और ईरान में भारत का राजदूत रहते हुए मैंने राष्ट्रीय हितों को धोखा दिया। इस मामले में आरोप भारत सरकार की एजेंसी के एक पूर्व अधिकारी ने लगाए हैं।
हामिद अंसारी ने अपने बयान में कहा था- ये एक ज्ञात तथ्य है कि उपराष्ट्रपति विदेशी हस्तियों को सरकार और आमतौर पर विदेश मंत्रालय की सलाह पर न्यौता देते हैं। मैंने 11 दिसंबर 2010 को आंतकवाद पर हुए सम्मेलन का उद्घाटन किया था। एक सामान्य प्रक्रिया के तहत इस सम्मेलन में आमंत्रित लोगों की सूची आयोजकों ने बनाई होगी, ना ही मैंने उसे न्यौता दिया था और ना ही उससे मुलाक़ात की थी।
हामिद अंसारी ने कहा- “ईरान में भारत का राजदूत रहते हुए मैंने जो भी काम किया, वो उस समय की सरकार की जानकारी में था। ऐसे मामलों में मैं राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता से जुड़ा हूं और उन पर टिप्पणी करने से बचता हूं। भारत सरकार के पास इस बारे में सभी जानकारी है और वो ही सच बताने वाली एकमात्र अथॉरिटी है। ये एक स्थापित तथ्य है कि तेहरान में अपने कामकाज के बाद मुझे न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था। मैंने वहां जो काम किया है, उसे देश और विदेश में सराहा गया है।”
पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्ज़ा ने ये भी दावा किया था कि उन्होंने ये जानकारियाँ पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के साथ साझा की थीं, जिनका इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ किया गया। नुसरत मिर्ज़ा के इन दावों के बाद ही भारतीय जनता पार्टी हामिद अंसारी और कांग्रेस पर आक्रामक है।
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