Haridwar Pod Car Project: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार उत्तराखंड में मेट्रो का सपना सबसे पहले हरिद्वार में पूरा होने जा रहा है। जी हां हरिद्वार दर्शन कराने के लिए देश की पहली पहली पर्सनल रैपिड ट्रांजिट यानी पॉड कार को लेकर काम शुरू होने जा रहा है।

उत्तराखंड की राजधानी में मेट्रो चलाने की कवायद पिछले 6 सालों से चल रही है, लेकिन आखिरकार अब लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड में मेट्रो का सपना पूरा होने जा रहा है। राज्य में सबसे पहले हरिद्वार में मेट्रो का सपना पूरा होने जा रहा है। बताया जा रहा है कि जल्द ही हरिद्वार दर्शन कराने के लिए पर्सनल रैपिड ट्रांजिट यानी पॉड कार को लेकर काम शुरू होने जा रहा है। बताया जा रहा है कि शासन से मंजूरी मिलते ही इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर निकाला जाएगा।

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1685 करोड़ की योजना

उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन इस प्रोजेक्ट को शासन के पास भेज चुका है। शासन से मंजूरी मिलते ही इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर निकाला जाएगा। यदि सब कुछ सही रहा तो साल 2024 तक देश का पहला पॉड कार ट्रांसपोर्ट सिस्टम हरिद्वार में तैयार हो जाएगा। टेंडर लेने वाली कंपनी के लिए पहली शर्त यह है कि उसे एक साल के भीतर कम से कम डेढ़ किलोमीटर का ट्रैक तैयार करना होगा। इसका रूट भी तय कर दिया गया है। इसके लिए 21 स्टेशन बनाए जाएंगे।

क्या हैं हरिद्वार दर्शन योजना

उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक जितेंद्र त्यागी ने बताया कि इस योजना को हरिद्वार दर्शन योजना के रूप में धरातल पर उतारा जा रहा है। इस पीआरटी सिस्टम के तहत हरिद्वार के सभी पौराणिक मंदिरों और देव स्थलों को एलिवेटेड स्टील ट्रैक के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिस पर पॉड कार संचालित होंगी।

देश में पहली बार नजर आएगी पॉड कार

योजना है कि देहरादून में मेट्रो नियो और हरिद्वार में पॉड टैक्सी ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर अगले साल से काम शुरू कर दिया जाए। सब कुछ योजनाबद्ध ढंग से चला तो 2027 में आप मेट्रो नियो में सफ़र कर रहे होंगे। ये दोनों ट्रांसपोर्ट सिस्टम देश में पहली बार यहीं नज़र आएंगे। दून और हरिद्वार के प्रोजेक्टों के धरातल पर आते ही कॉरपोरेशन आने वाले दिनों में पंतनगर जैसे मैदानी इलाकों के लिए भी मेट्रो नियो के प्लान को लेकर आशावादी है।

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ज्वालापुर से लेकर शांतिकुंज तक होगी संचालित

बताया जा रहा है कि इस परियोजना के तहत आपको पूरे हरिद्वार के दर्शन करने का मौका मिलेगा। हरिद्वार में तकरीबन 20 किलोमीटर लंबा यह ट्रांजिट सिस्टम ज्वालापुर से लेकर शांतिकुंज में मौजूद भारत माता मंदिर तक संचालित किया जाएगा। आगामी 3 साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर उम्मीद की जा रही है कि हरिद्वार आने वाले पर्यटकों और यहां के स्थानीय लोगों को ट्रैफिक जाम से कुछ निजात मिल पाएगी।

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