Jharkhand Political Crisis: झारखंड में जारी सियाली हलचल के बीच बड़ी ख़बर सामने आई है। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग किसी भी वक्त मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेकर बड़ा फैसला सुना सकती है। इसके मद्देनजर प्रदेश के सत्तारूढ़ गठबंधन ने तैयारी शुरु कर दी है। लिहाजा शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की अहम बैठक होने की ख़बर सामने आई है। हालांकि इस बैठक को लेकर कांग्रेस विधायक दल के नेता और झारखंड सरकार के संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने तमाम अटकलों को नकारते हुए मीडिया से बातचीत कर कहा कि यह बैठक मुख्य रूप से राज्य के विभिन्न इलाकों में सूखे की स्थिति, स्वास्थ्य से जुड़े मसलों और विधायकों के क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। मंत्री ने आगे कहा कि इन मुद्दों पर सभी विधायकों ने अपनी राय रखी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जुड़े विवाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ केंद्रीय चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी कर ली गयी है और फैसला जल्द आने की संभावना है। इसी तरह माइनिंग लीज और शेल कंपनियों में निवेश के आरोपों से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई पूरी ली है और अपना फैसला सुरक्षित रखा है। जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट, दोनों के आगामी फैसले झारखंड के सत्ता समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में चुनाव आयोग या सुप्रीम कोर्ट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेकर फैसला सुनाती है तो किसी भी वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री बदले जा सकते हैं।

आपको बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है। चर्चा तो ये भी है कि लगभग 25 साल बाद झारखंड में बिहार जैसा प्रयोग किया जा सकता है। जैसे 1997 में लालू यादव जेल जाने से पहले राबड़ी देवी को बिहार का मुख्ययमंत्री बना दिया था, उसी तरह हेमंत सोरेन भी कर सकते हैं। बहरहाल सब कुछ चुनाव आयोग के फैसले पर निर्भर है। सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर हेमंत सोरेन पर तंज कसते हुए कहा, “झारखंड में भाभी जी के ताजपोशी की तैयारी,परिवारवादी पार्टी का बेहतरीन नुस्ख़ा गरीब के लिए।”

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हेमंत सोरेन की सदस्यता जाने पर कल्पना सोरेन बन सकती हैं झारखंड की मुख्यमंत्री

सूत्रों के मुताबिक सदस्यता जाने पर हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को झारखंड का नया मुख्यमंत्री बना सकते हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो हेमंत सोरेन कभी नहीं चाहेंगे कि सत्ता उनके परिवार से बाहर किसी के हाथ में जाएं। ऐसे में उनके साथ उनके भाई बसंत सोरेन की सदस्यता पर पहले ही खतरा मंडरा रहा है। पिता शिबू सोरेन पर भी जांच चल रही है। मां रूपी सोरेन की उम्र और खराब सेहत इसमें रोड़ा बन सकता है। ऐसे में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ही एकमात्र विकल्प बचती हैं।

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Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

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