देश में आमतौर पर भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आते हैं। लेकिन पिछले 1 साल में भ्रष्टाचार कम हुआ है। ‌ ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के नवीनतम भ्रष्टाचार संवेदन सूचकांक में भारत 85 के स्थान पर आ गया है। इस सूचकांक के अनुसार स्थापित लोकतांत्रिक देशों में अधिकार और नियंत्रण एवं संतुलन की व्यवस्था को तेजी से कमजोर किया जा रहा है।

रिपोर्ट में पिछले साल में जिन मुद्दों का जिक्र हुआ उनमें सबसे ज्यादा मानव अधिकार कार्यकर्ताओं, नेताओं की जासूसी, पत्रकारों से जुड़ा पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी शामिल है। भारत में इसमें सुधार है। रिपोर्ट में देशों को जीरो के पैमाने पर रखा गया है। दनमार्क न्यूजीलैंड और फिनलैंड 88-88 अंकों के साथ पहले स्थान पर है। जबकि भारत को 40 अंक मिले हैं।

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सूचकांक में 180 देशों और क्षेत्रों को अंक दिए गए। जिसमें पाकिस्तान 28 अंकों के साथ, बांग्लादेश 26 अंकों के साथ 147 स्थान पर रहे। नॉर्वे सिंगापुर स्वीडन स्वीटजरलैंड वेदर लैंड और जर्मनी ने शीर्ष 10 में अपनी जगह बनाई और ब्रिटेन 78 अंकों के साथ 11 स्थान पर आया।

भारत 85 स्थान पर आया। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि कोरोनावायरस के चलते कई देशों को भ्रष्टाचार कम करने में खास सफलता नहीं मिली। अमेरिका को 2020 में 67 अंक मिले। इस बार भी अमेरिका इसी अंक पर है।

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