Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद विधानसभा को पहली बार संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के फ़ैसले ने ‘कइयों की आंखें खोल दीं।’

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, एकनाथ शिंदे ने कहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह ने उन्हें सीएम बनाकर सरकार का नेतृत्व तब सौंपा, जब बीजेपी के पास उनसे ज़्यादा विधायक थे। उन्होंने कहा, ”हर किसी को मालूम था कि देवेंद्र फडणवीस के साथ 115 विधायक हैं। मेरे पास केवल 50 उसके बाद भी पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह ने मुझे सीएम बनाया।”

मौजूदा सरकार के बारे में उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद अब ‘बीजेपी और शिवसेना सरकार’ ने कामकाज संभाल लिया है, जो कि बालासाहेब ठाकरे की मान्यताओं पर आधारित है। वहीं उपमुख्यमंत्री के तौर पर पहली बार विधानसभा को संबोधित करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनके गठबंधन की सरकार जनता की उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश करेगी।

नए चुने गए विधानसभा अध्यक्ष से फडणवीस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आपसे अच्छा सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का ताज़ा बयान राहुल नार्वेकर के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद आया। नार्वेकर को विधानसभा अध्यक्ष बनाने के पक्ष में सदन के 164 विधायकों ने मत डाले, जबकि विरोध में केवल 107 मत पड़े।

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व्हिप को लेकर विवाद

बता दें कि एकनाथ शिंदे के शिवसेना और बीजेपी की सरकार वाले इस बयान के कई मायने हैं। क्योंकि स्पीकर के लिए हुई वोटिंग के बाद अब विधायकों पर अयोग्यता की तलवार लटक रही है। फिलहाल ये साफ नहीं है कि कौन से धड़े के विधायकों पर गाज गिरेगी, लेकिन कानूनी जानकारों की मानें तो फिलहाल उद्धव ठाकरे गुट का पलड़ा भारी है। क्योंकि शिंदे गुट के विधायकों ने किसी भी दल के साथ विलय नहीं किया है, ऐसे में उन्होंने शिवसेना के खिलाफ वोटिंग की है तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसी को देखते हुए अब ये लड़ाई असली शिवसेना को लेकर शुरू है।

शिंदे गुट का कहना है कि उनके पास ज्यादा विधायक हैं, इसीलिए उन्हें असली शिवसेना की मान्यता मिलनी चाहिए। जबकि शिवसेना नेताओं का कहना है कि पार्टी अब तक टूटी नहीं है, इसीलिए बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर देना चाहिए। फिलहाल ये लड़ाई अब कोर्ट तक पहुंचेगी।

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