Kapil Sibal on Judiciary: राज्यसभा के सदस्य और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने न्यायपालिका की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि संस्था के कुछ सदस्यों ने ‘‘हमें निराश किया है’’ और हाल फिलहाल में जो कुछ हुआ है उससे ‘‘मेरा सिर शर्म से झुक जाता है।’’

भाजपा पर जमकर बरसे

सिब्बल ने एक समाचार एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संस्थानों का ‘‘गला घोंटकर असल में आपातकाल’’ लागू कर दिया गया है और कानून के शासन का दैनिक आधार पर ‘‘उल्लंघन’’ किया जा रहा है।

सरकार ‘‘कांग्रेस मुक्त भारत’’ नहीं, बल्कि ‘‘विपक्ष मुक्त भारत’’ चाहती है

सिब्बल ने कहा कि मौजूदा सरकार केवल ‘‘कांग्रेस मुक्त भारत’’ नहीं, बल्कि ‘‘विपक्ष मुक्त भारत’’ चाहती है। एक निजी समाचार चैनल के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि इससे अधिक चिंताजनक मुद्दा यह है कि न्यायपालिका के कुछ सदस्यों ने ‘‘हमें निराश किया’’ है।

कानून के शासन के लिए बनाए गयी संस्था खुली आंखों से कानून के उल्लंघन की अनुमति देती है

सिब्बल ने ब्रिटेन से फोन पर समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं जिस संस्था (न्यायपालिका) का 50 साल से हिस्सा हूं, उसके कुछ सदस्यों ने हमें निराश किया है। जो हुआ है, उससे मेरा सिर शर्म से झुक गया है। न्यायपालिका जब कानून के शासन के सामने हो रहे उल्लंघन को लेकर आंखें मूंद लेती है, तो हैरानी होती है कि कानून के शासन की रक्षा के लिए बनाई गई संस्था खुली आंखों से कानून के शासन के उल्लंघन की अनुमति क्यों देती है।’’

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जुबैर की गिरफ्तारी पर बोले, समझ से परे है गिरफ्तारी

उन्होंने निजी समाचार के सह-संस्थापक जुबैर की गिरफ्तारी और दिल्ली की एक अदालत द्वारा उनकी जमानत मंजूर नहीं किए जाने पर कहा कि चार साल पहले किए ऐसे ट्वीट के लिए व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाना ‘‘समझ से परे है’’ जिसका कोई साम्प्रदायिक प्रभाव नहीं हुआ।

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