Money Laundering: मनी लॉन्ड्रिंग का इस्तेमाल वैसे तो ज्यादातर टैक्स से बचने के लिए किया जाता रहा है लेकिन बीते कुछ सालों से इसके जरिए आंतकी संगठनों को फंडिंग भी की जा रही है।

अक्सर मीडिया में ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं जिनमें किसी कारोबारी, नौकरशाह, नेता या फिर किसी व्यक्ति के घर या उसके किसी ठिकाने से बेहिसाब दौलत बरामद की गई हो जबकि उसकी इनकम बेहद कम होती है। भारत समेत पूरी दुनिया में देश के नागरिकों को अपनी आय का कुछ हिस्सा बतौर टैक्स सरकार को देना होता है। भारत में भी प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आमदनी के हिसाब से हर साल सरकार को टैक्स चुकाना पड़ता है। इसके लिए सरकार ने अलग-अलग स्लैब बनाए हुए हैं। उसी के हिसाब से नागरिकों को टैक्स अदा करना होता है।

भारत में ही कई राज्यों में नेता, मंत्री, नौकरशाह, सरकारी कर्मचारी समेत कई लोग इसी मनी लॉन्ड्रिंग केस के चलते जेलों में बंद हैं या फिर कानूनी प्रक्रियाओं का सामना कर रहे हैं। वर्तमान में देश में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी से पूछताछ जारी है। वहीं, दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग केस में ही जेल में बंद हैं। आइए आपको समझाते हैं आखिर क्या होता है मनी लॉन्ड्रिंग मामला।

क्या होता है मनी लॉन्ड्रिंग?

अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग अपनी आय, उसका जरिया छिपाने, और टैक्स बचाने आदि के लिए गलत रास्तों का इस्तेमाल करते हैं। मनी लॉन्ड्रिंग भी टैक्स बचाने, काले धन को छिपाने, आय का स्रोत नहीं बताने एवं ब्लैक मनी को सफेद करने की एक गैर-कानूनी प्रक्रिया है।

Also Read: Sanjay Raut Arrest: मनी लॉन्ड्रिंग केस में संजय राउत की आज PMLA कोर्ट में पेशी, घर के बाहर समर्थकों ने किया प्रदर्शन

क्यों की जाती है मनी लॉन्ड्रिंग?

दुनियाभर में कई गिरोह मनी लॉन्ड्रिंग के धंधे में लिप्त हैं। लोग टैक्स बचाने, फर्जी निवेश और खर्च दिखाने, ब्लैक मनी को गलत तरीके से दूसरे देश ले जाने और फिर गैर-कानूनी तरीके से उसी पैसे को अन्य दूसरे रास्ते से वापिस देश में लाने के लिए इन गिरोह का इस्तेमाल करते हैं। ये गिरोह बढ़ी ही चालाकी से कालेधन को सफेद में बदलने में उनकी मदद करते हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग का सबसे अधिक इस्तेमाल गैर-कानूनी तरीके से कमाई गई दौलत पर सरकार को टैक्स देने से बचने के लिए किया जाता है। क्योंकि गलत तरीकों से कमाए गए पैसों का स्रोत बताना मुमकिन नहीं। जांच एजेंसियां की रडार में आने से बचने के लिए मुख्य तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का प्रयोग किया जाता है।

वहीं, अब मनी लॉन्ड्रिंग का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भी किया जाने लगा है। मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए ही आतंकी संगठनों को पैसा उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा ब्लैक मनी को सफेद बनाने के लिए भी मनी लॉन्ड्रिंग का प्रयोग किया जाता है।

Also Read:  Delhi Liquor Shops: दिल्ली में शराब की दुकानों को मिला एक्सटेंशन, दिया भारी डिस्काउंट और ऑफर

कैसे होती है मनी लॉन्ड्रिंग?

चूंकी गैर-कानूनी तरीके से कमाए गया पैसा कैश में होता है। इस कैश को इकट्ठा किया जाता है।
फिर मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त गिरोह फर्जी कंपनियां बनाकर उनके जरिए उन देशों में भेजते हैं जहां टैक्स से जुड़े नियम बेहद आसान हों। इसके बाद इन्हीं फर्जी कंपनियों के जरिए वहीं पैसा फिर से भारत में निवेश के तौर वापिस लाया जाता है। मनी लॉन्डिंग में लिप्त एजेंट इन पैसों को इस प्रकार से दर्शाते हैं कि जिससे कि जांच एजेंसियों को उनके सोर्स का पता नहीं ना चल सके और इसके जरिए पैसे बनाने वाले बच जाएं।

क्या है सजा का प्रावधान?

मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत दोषी पाए जाने पर अपराधी के पैसे जब्त कर लिए जाते हैं। वहीं सरकार इन पैसों के जरिए बनाई गई संपत्ति को भी कुर्क कर लेती है। भारत सरकार इन संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लेती है। इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत दोषी पाए जाने पर अपराधी को सजा का प्रावधान भी है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो पर सकते हैं।

Share.
Exit mobile version