Naval Commanders Conference: देश की राजधानी दिल्ली में हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच नौसेना का चार दिवसीय नेवल कमांडर्स कॉन्फ्रेंस किया जायगा। चार दिन तक चलने वाला यह कॉन्फ्रेंस 31 अक्टूबर से 3 नवंबर तक चलेगा। नौसेना का यह सम्मलेन ऐसे समय में होने जा रहा है, जब एक दिन पहले ही शुक्रवार को अमेरिका ने नेशनल डिफेंस स्ट्रेटेजी पॉलिसी जारी कर चीन के बढ़ते प्रभाव और आक्रामकता पर चिंता जाहिर की।
नौसेना के ऑपरेशन्स और लॉजिस्टिक्स पर विस्तार से की जाएगी चर्चा
साल 2022 के नौसेना कमांडरों के सम्मेलन का दूसरा संस्करण 31 अक्टूबर से 3 नवंबर तक होना निर्धारित है। यह नौसेना सम्मेलन एक संस्थागत मंच के जरिए से सैन्य-रणनीतिक के स्तर पर महत्वपूर्ण समुद्री मामलों पर चर्चा करने के लिए कमांडरों के लिए एक मंच के रूप में काम करता है। दिल्ली में होने वाली नेवल कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस और नौसेना प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर संबोधित करेंगे। इनके अलावा नौसेना के ऑपरेशन्स, लॉजिस्टिक्स और मानव-संसाधनों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
चार बड़ी सुरक्षा प्राथमिकताओं पर भी होगी चर्चा
नौसेना कमांडरों के इस सम्मेलन में यूएस एनडीएस चार बड़ी सुरक्षा प्राथमिकताओं पर चर्चा करेगा। पहली प्राथमिकता पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की तरफ से खतरे को देखते हुए मातृभूमि की रक्षा करना रहेगी। दूसरी, संयुक्त राज्य अमेरिका, मित्र राष्ट्रों और भागीदारों के खिलाफ रणनीतिक हमलों को रोकना। तीसरा, आक्रामकता को रोकना, जबकि आवश्यक होने पर संघर्ष में मजबूत होने के लिए तैयार रहना और भारत-प्रशांत क्षेत्र में पीआरसी चुनौती को प्राथमिकता देना, फिर यूरोप में रूस की चुनौती रहेगी। चौथा, एक लचीला संयुक्त बल और रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
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