प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 82वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमें आने वाले सालों में देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है, असाधारण लक्ष्य हासिल करने हैं. ये संकल्प ‘सबके प्रयास’ से ही पूरे होंगे और लोकतन्त्र में भारत की संघीय व्यवस्था में जब हम ‘सबका प्रयास’ की बात करते हैं तो सभी राज्यों की भूमिका उसका बड़ा आधार होती है. सदन नें आचार और व्यवहार से सही होना चाहिए. ये हम सबकी जिम्मेदारी है.

पीएम मोदी ने कहा कि – ये सम्मेलन हर साल कुछ नए विमर्शों और नए संकल्पों के साथ होती है. हर साल इस मंथन से कुछ न कुछ अमृत निकलता है. आज इस परंपरा को 100 साल हो रहे हैं ये भारत के लोकतांत्रिक विस्तार का प्रतिक है. हमारा देश विविधताओं से भरा है. अपनी हज़ारों साल की विकास यात्रा में हम इस बात को अंगीकृत कर चुके हैं कि विविधता के बीच भी एकता की भव्य और दिव्य अखंड धारा बहती है. एकता की यही अखंड धारा, हमारी विविधता को संजोती है, उसका संरक्षण करती है.

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि – क्या साल में 3-4 दिन सदन में ऐसे रखे जा सकते हैं, जिसमें समाज के लिए कुछ विशेष कर रहे जनप्रतिनिधि अपना अनुभव बताएं. अपने समाज जीवन के इस पक्ष के बारे में भी देश को बताएं. आप देखिएगा, इससे दूसरे जनप्रतिनिधियों के साथ ही समाज के अन्य लोगों को भी कितना कुछ सीखने को मिलेगा.हम Quality Debate के लिए भी अलग से समय निर्धारित करने के बारे में सोच सकते हैं क्या? ऐसी डिबेट जिसमें मर्यादा का, गंभीरता का पूरी तरह से पालन हो, कोई किसी पर राजनीतिक छींटाकशी ना करे. एक तरह से वो सदन का सबसे Healthy समय हो, Healthy Day हो.

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