Punjab: पंजाब सरकार स्वास्थ्य को लेकर काफी सतर्क हो गयी है। इस समय पंजाब सरकार जोरों-शोरों से स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कार्य कर रही है। पंजाब में आम आदमी क्लिनिक हो या फिर गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए आवंटित राशि, पंजाब सरकार हर मुद्दे पर जमकर कार्य कर रही है। इसी बीच पंजाब में बढ़ रही टीबी की बीमारी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह ने पंजाब सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी है।
स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह ने दी जानकारी
जौड़ामाजरा कहा कि “पंजाब के आठ जिलों को पहले ही ब्रॉन्ज कैटेगरी की सर्टीफिकेशन मिल चुकी है और विभाग ने आने वाले साल में पांच और जिलों को सिलवर कैटेगरी और तीन जिलों को ब्रॉन्ज कैटेगरी में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।” उन्होंने बताया कि “साल 2022-23 के लिए विभाग ने 70,000 मरीजों की पहचान करके ईलाज का लक्ष्य निर्धारित किया है। पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा टीबी के नए मामलों में 80 प्रतिशत से अधिक की कमी लाकर टीबी के ख़ात्मे के उद्देश्य से मगसीपा चंडीगढ़ में दो दिवसीय वर्क शॉप का आयोजन किया गया है।” उन्होंने कहा कि “इस वर्क शॉप का आयोजन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और नेशनल टीबी ऐलीमीनेशन प्रोग्राम (NTEP) द्वारा हितधारकों, प्राइवेट सेक्टर, मरीजों और कम्युनिटीज के साथ सक्रियता से सहयोग के जरिये टीबी के अधिक से अधिक मामलों का पता लगाने, जांच और ईलाज के लिए देश व्यापक प्रयासों के हिस्से के तौर पर किया गया है। “
सभी मरीजों को प्रतिमाह 500 रुपयों की सहायता
एनटीईपी संबंधी विवरण देते हुए डायरैक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. रणजीत सिंह घोतड़ा ने बताया कि “यह प्रोग्राम सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र में टीबी के सभी नोटीफाईड मरीजों को मुफ़्त जांच सेवाएं और मुफ़्त ईलाज प्रदान करता है।” उन्होंने कहा कि “यह प्रोग्राम डीबीटी के द्वारा निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत पोषण सम्बन्धी सहायता के लिए सभी मरीजों को प्रति माह 500 रुपए भी प्रदान करता है।”
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