मध्य प्रदेश के सीधी ज़िले में दो पत्रकारों और अन्य लोगों को अर्धनग्न अवस्था में पुलिस थाने में रखने की तस्वीर ख़ूब वायरल हुई थी। आरोप है कि ये लोग एक स्थानीय रंगकर्मी की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे थे जिसके बाद पुलिस ने इन सभी को पकड़ कर उनके कपड़े उतरवाए और थाने में इनकी परेड निकाली। हालांकि, पुलिस ने इस तरह के सभी आरोपों को ख़ारिज किया है।

अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है- लॉकअप में लोकतंत्र के चौथे स्‍तंभ का चीरहरण! या तो सरकार की गोद में बैठकर उनके गुणगान गाओ, या जेल के चक्कर काटो। ‘नए भारत’ की सरकार, सच से डरती है।

इन लोगों का आरोप है कि स्थानीय बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला के ख़िलाफ़ ख़बरें लिखने के कारण उनके इशारे पर पुलिस ने नाट्यकर्मियों के साथ-साथ पत्रकारों को भी हिरासत में लिया और उनके साथ मारपीट की। उन्हें अर्धनग्न अवस्था में जेल में रखे जाने पर एसएचओ मनोज सोनी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया है कि इन लोगों को ऐसे इसलिए रखा गया था ताकि वे अपने कपड़े का इस्तेमाल कर आत्महत्या न कर सकें।

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दूसरी ओर सीधी ज़िले के एसएसपी मुकेश कुमार ने बीबीसी को बताया कि “नीरज कुंदेर एक रंगकर्मी हैं, उनकी गिरफ़्तारी के बाद लोग प्रदर्शन करने आए थे, थाने के बाहर आपत्तिजनक नारेबाज़ी कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें समझाया, लेकिन वो नहीं माने। देर रात में प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया गया था और विधिवत 151 के तहत गिरफ़्तार भी किया गया था।” मुकेश कुमार कहते हैं, “इन लोगों के ख़िलाफ़ एक मुक़द्दमा भी दर्ज किया गया है।” पुलिस अधीक्षक ने बताया, “ये तस्वीरें मेरे संज्ञान में हैं और इनकी जाँच की जा रही है कि किन हालात में ये तस्वीरें खींची गई हैं। डीएसपी को इसकी जाँच सौंपी गई है। जाँच रिपोर्ट के बाद दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।”

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