Rajasthan: राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर से हलचल मच गई है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने इस्तीफा दिया है। माकन ने कांग्रेस आलाकमान को राजस्थान के कुछ विधायकों पर कार्रवाई करने के लिए खुली चुनौती दी है। माकन ने राजस्थान में काम करने में असमर्थता व्यक्त की। उनकी रिपोर्ट में दोषी पाए गए तीन गहलोत-वफादार ना केवल दंड से मुक्ति का आनंद ले रहे है। बल्कि उन्हें राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान काम भी दिया जा रहा है।

3 विधायकों पर कार्रवाई की मांग

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि अजय माकन ने 8 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र लिखा था। जिसमें राजस्थान के संसदीय मामलों के मंत्री शांति धारीवाल, पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी और राजस्थान पर्यटक विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर के खिलाफ अनुशासनात्मक समिति की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद भी उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी को देखते हुए अजय माकन ने अपना राज्य प्रभारी का पद छोड़ने की इच्छा जताई थी।

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अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की बढ़ी मुश्किलें

अजय माकन के त्यागपत्र के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अध्यक्ष उस रिपोर्ट को नजरअंदाज नहीं कर सकते जिस पर एआईसीसी के पर्यवेक्षक के रुप में भी हस्ताक्षर थे। इसके अलावा मुख्यमंत्री को नाराज करने से सरकार के गिरने का भी खतरा है। क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले मजबूती से दिखा चुके हैं कि राज्य के 100 में से 90 विधायक उनके साथ खड़े हुए हैं। यह बात सभी जानते हैं कि गांधी परिवार राजस्थान में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त करना चाहते हैं। सचिन पायलट ने जुलाई 2020 में गहलोत के खिलाफ असफल विद्रोह का नेतृत्व किया था और वह आलाकमान को मनाने में कामयाब रहे थे।

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अशोक गहलोत ने गांधी परिवार को नाराज किया

सीएम अशोक गहलोत की अत्यधिक महत्वकांक्षी ने गांधी परिवार को कुछ हद तक नाराज किया है। लेकिन राहुल और प्रियंका ने लगभग एक साल पहले गहलोत को हटाने पर विचार किया था। लेकिन समय-समय पर अपने इरादे के बारे में भी संकेत दिए थे। बता दें कि जब गहलोत को अध्यक्ष बनाने की बात चल रही थी, तब मुख्यमंत्री के प्रति निष्ठावान 90 से अधिक विधायकों ने पार्टी की एक अहम बैठक में भाग लेने से इनकार किया था।

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