लगभग 1 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की मांग के आगे झुकते हुए कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की और साथ ही उन्होंने किसानों से घर लौटने की अपील की है. इन सबके बीच किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के किसान नेता राकेश टिकैत ने इस बात को साफ करते हुए कहा कि वे किसान आंदोलन तत्काल वापस लेने के मूड में नहीं हैं.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का किया ऐलान, धरने से नहीं उठेंगे किसान

राकेश टिकैत ने कहा है कि – आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा. हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. राकेश टिकैत ने साथ ही ये भी साफ किया है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के साथ-साथ किसानों से संबंधित दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे. राकेश टिकैत ने वरिष्ठ न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा कि – पीएम मोदी के ऐलान पर मुझे विश्वास नहीं है. अभी तो बस ऐलान हुआ है. हम संसद से कानूनों की वापसी होने तक इंतजार करेंगे. राकेश टिकैत ने साथ ही ये भी कहा कि – न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत किसानों से जुड़े अन्य मसलों पर भी बातचीत का रास्ता खुलना चाहिए. इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानून वापस लेने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया था. इससे पहले पीएम मोदी ने गुरु पर्व पर तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान करते हुए कहा कि हमने खुले मन से किसानों के कल्याण के लिए ये कृषि कानून बनाए थे.

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