भारत के डीसीजीआई (CDGI) के एक विशेषज्ञ पैनल ने बूस्टर डोज के रूप में एकल खुराक कोविड-19 वैक्सीन अपने स्तूपनिक लाइट के तीसरे चरण के ट्रायल के संचालन की अनुमति की सिफारिश की है। डीसीजीआई ने कुछ शर्तों के तहत इसकी अनुमति दी है। डीसीजीआई ने 4 फरवरी को भारत में स्तूपनिक लाइट वैक्सीन के लिए कुछ नियामक प्रावधानों के अधीन आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी थी।

आपातकालीन उपयोग की अनुमति

सीडीएससीओ की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति ने विचार-विमर्श के बाद ही आवेदन की समीक्षा की इसके बाद वैक्सीन के परीक्षण शुरू करने की शर्त के साथ तीन चरण परीक्षण की अनुमति की सिफारिश की। इसके लिए फार्म को कुछ प्रावधानों के अधीन आपातकालीन उपयोग की अनुमति पहले दे दी गई थी लेकिन अब स्तूपनिक लाइट अर्जेटीना और रूस सहित 29 देशों में स्वीकार की गई है।

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बूस्टर खुराक

हैदराबाद स्टेट डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज ने बूस्टर खुराक के लिए वैक्सीन के तीन चरण परीक्षण के संचालन के लिए डीसीजीआई के सामने अपना प्रस्ताव पेश किया। जिसमें स्तूपनिक लाइट और इस स्तूपनिक वी के कंपोनेंट एक समान मिले। स्पुतनिक-लाइट पूरी तरह स्पुतनिक वी के घटक-एक के समान है। डॉ. रेड्डीज ने सीमित आपातकालीन उपयोग और बूस्टर खुराक टीकाकरण के लिए टीके की प्रभावशीलता और सुरक्षा से संबंधित आंकड़ा भी पेश किया।

विशेषज्ञ समिति की सिफारिश

डीसीजीआई ने भारत में कोविड-19 रोधी टीके स्पुतनिक लाइट के एकल खुराक के लिए आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी है। यह देश में नौवां टीका है। सिफारिश को अंतिम मंजूरी के लिए भारत के डीसीजीआई के पास दिया गया है। भारत के डीसीजीआई के एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बाद यह कदम उठाया गया। सिफारिश में विभिन्न नियामक प्रावधानों के तहत स्पुतनिक लाइट के सीमित आपातकालीन उपयोग की अनुमति देने को लेकर सुझाव दिया गया।

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