Road Accident: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ सड़क दुर्घटनाओं के लिए त्रुटिपूर्ण परियोजना रिपोर्ट को जिम्मेदार ठहराया है। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि कंपनियों को राज्य मार्गों एवं अन्य सड़कों के निर्माण से जुड़ी वृश्चिक परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता है। कल सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि लोग सोचते हैं कि पीछे बैठने वालों को बेल्ट की जरूरत नहीं है। यह एक समस्या है। मैं किसी भी दुर्घटना पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन आगे और पीछे बैठने वाले लोगों को सीट बेल्ट पहनने की जरूरत होती है।

मानसिकता को बदलने की जरूरत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए हम आदमी की मानसिकता को बदलने की जरूरत है। मंत्री ने बताया कि उनका मंत्रालय इस बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बॉलीवुड सितारों, क्रिकेटरों और मीडिया की मदद ले रहा है। गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली एनसीआरबी की रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले साल दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या भले ही अधिक थी। लेकिन पहले के वर्षों की तुलना में सड़क दुर्घटना और घायल लोगों की संख्या में कमी दर्ज की गई है।

1.55 लाख से अधिक लोगों की जान गई

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में पूरे भारत में सड़क दुर्घटना में 1.55 लाख से अधिक लोगों की जान गई थी। इस तरह औसतन रोजाना 426 या हर घंटे में 18 लोगों की मौत हुई है जो अब तक किसी भी कलैंडर वर्ष में सबसे अधिक मौत का आंकड़ा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री का कहना है कि सरकार ने प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि कंपनियों द्वारा तैयार की गई कुछ डीआरपी अत्यधिक खराब है और सड़क दुर्घटनाओं के लिए भी जिम्मेदार है।

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कार में सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए

पता दे कि टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने बीते रविवार को एक कार हादसे में मौत के बाद कार में सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए और कार में बैठने वालों को भी जागरूक रहने की बात कही जा रही है। कुछ राज्यों में सड़क निर्माण की खराब गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि राज्य सरकार हर साल सड़कों की मरम्मत के लिए 10,000 से 15,000 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। हर 2 से 3 साल में सड़कों के रखरखाव पर पैसा खर्च किया जा रहा है।

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