रूचि सोया को इस FPO से मिलने वाले पैसे को अपना कर्ज घटाने, वर्किंग कैपिटल की तमाम जरुरतों को पूरा करने और कंपनी के सामान्य कामकाज में इस्तेमाल करने वाली है। ग़ौर करने वाली बात है कि रूचि सोया अपने इस FPO के बाद कंपनी के प्रमोटर सेबी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए अपनी हिस्सेदारी घटाने वाली है।

बीते 14 मार्च को पतंजलि के मालिकाना हक वाली यह कंपनी Ruchi Soya के शेयरों में जोरदार बढ़ोतरी देखी गयी। मालूम हो कि कंपनी ने अपने फॉलो ओन पब्लिक ऑफऱ (FPO) के लिए सेबी में अर्जी (RHP) दाखिल किया है। यह एफपीओ पूरे 4,300 करोड़ रुपये का मालूम पड़ता है।

आज सुबह 09.53 बजे के कारोबार में रूचि सोया का यह शेयर 145.30 रुपये यानी 18.08 फीसदी की तेज़ बढ़त के साथ बीएसई पर 949 रुपये तक चला पहुंच गया। इसके अलावा आने वाले दिनों में भी इस स्टॉक में बढ़ोतरी के आसार है।

मालूम हो किरूचि सोया अपने इस एफपीओ के ज़रिये 2 रुपये फ्रेश वैल्यू के लगभग 4,300 करोड़ शेयों की बिक्री करने वाली है। वही इस इश्यू में पूरे 10,000 इक्विटी शेयर कंपनी के ही कर्मचारियों के लिए रिजर्व किये गए है। ध्यान रहे कि यह इश्यू 24 मार्च को खुलकर 28 मार्च 2022 को बंद होने वाला है।

इस इश्यू की बुकरनिंग लीड मैनेजर SBI Capital Markets, Axis Capital और ICICI Securitie है।

रूचि सोया को इस FPO से मिलने वाले पैसे को अपना कर्ज घटाने, वर्किंग कैपिटल की तमाम जरुरतों को पूरा करने और कंपनी के सामान्य कामकाज में इस्तेमाल करने वाली है। ग़ौर करने वाली बात है कि रूचि सोया अपने इस FPO के बाद कंपनी के प्रमोटर सेबी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए अपनी हिस्सेदारी घटाने वाली है। सेबी नियमों के अनुसार किसी भी लिस्टेड कंपनी में कम से कम 25 फीसदी पब्लिक की शेयर होल्डिंग होनी ही चाहिए। इस FPO के तहत बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी सेबी के इन्हीं नियमों के अनुसार चलने वाली है।

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आज की तारीख़ में Ruchi Soya में पतंजलि की हिस्सेदारी लग लगभग 98.9 फीसदी की है, वही पब्लिक शेयर होल्डिंग मात्र 1.1 फीसदी की है। इस FPO के आने के बाद Ruchi Soya में पतंजलि की होल्डिंग अब घटकर 81 फीसदी ही रह जाएगी, जबकि इसके पब्लिक शेयर होल्डर बढ़कर 19 फीसदी तक होने की उम्मीद है।

यह भी जानकारी हो कि कोई भी FPO आईपीओ की ही तरह होता है। ग़ौर करने वाली बात है कि कोई भी लिस्टेड कंपनी अपने आईपीओ लाने के बाद पब्लिक को अतिरिक्त शेयर जारी करने के लिए FPO लाती है। आईपीओ की ही तरह FPO के जरिए भी सभी लिस्टेड कंपनियां अपनी एडशिनल कैपिटल को बढ़ा सकती है और उसी वक़्त कंपनी में प्रमोटरों की हिस्सेदारी भी घटा सकती है।

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