Shiv Sena: महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा अब दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। महाराष्ट्र की सरकार शिवसेना के चुनाव चिन्ह को चुनाव आयोग ने फ्रिज कर दिया था। चुनाव आयोग ने फैसला लेते हुए कहा कि आज सोमवार तक उनको अपने तीन चिन्ह और तीन नामों का चुनाव करना है। अब चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे ने दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ अपना रुख कर लिया है। दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे का भी कहना है कि उनका पक्ष जाने बिना फैसला नहीं सुनाया जाना चाहिए। उन्होंने दलील दी है कि कोर्ट कोई भी फैसला उनके पक्ष में सुने बगैर ना सुनाएं।

एनसीपी नेता ने दिया बयान

इस पूरे मामले पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी बड़ा बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि मुझे इस फैसले से बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं हुआ। और इस बात को साबित करने के लिए मेरे पास कोई सबूत भी नहीं है कि यह सबकुछ जानबूझकर किया जा रहा है। लेकिन मुझे पहले से ही इसकी आशंका हो रही थी। बता दें कि कुछ दिन पहले चुनाव आयोग ने फैसले लेते हुए स्पष्ट कर दिया था कि शिवसेना के नाम और सिंबल के इस्तेमाल पर अगले आदेश तक रोक रहेगी।

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उनकी दलील जरूर सुनी जाएं

चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिवसेना ने दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ रुख किया। उद्धव की याचिका के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने भी केविएट दायर कर दी है। उनका कहना है कि दलित सुनाएं बिना फैसला नहीं किया जाना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ एनसीपी नेता शरद पवार का कहना है कि हम नहीं जानते कि इन दिनों फैसला कौन ले रहा है। कोई पार्टी कितनी भी मजबूत क्यों है हो हम यह अनुमान नहीं लगा सकते कि शिवसेना अपने ही चुनाव चीन के साथ लड़ पाएगी। इसके अलावा उनके पास और कोई विकल्प नहीं है।

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