उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले कुछ समय से सबसे ज्यादा चर्चा चाचा भतीजा की जोड़ी यानी अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के गठबंधन की थी. राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोग यह जानने को बेताब थे कि आखिर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 मैं अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की जोड़ी एक साथ चुनाव लड़ेगी या अकेले.

ऐसे में अब सारे सवालों पर विराम लगाते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपने चाचा और अध्यक्ष शिवपाल यादव के घर जाकर उनसे मुलाकात की करीब आधे घंटे तक चले इस मुलाकात में दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर सहमति बन गई है जिस पर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रहा है और सपा और अन्य सहयोगी की ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है अखिलेश ने इस फोटो को ट्विटर पर साझा भी किया. आपको बता दिया की 5 साल पहले चाचा भतीजा की जोड़ी में दूरियां बढ़ गई थी उनकी राहे इस कदर अलग हुई थी कि दोनों एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए थे. लेकिन कहते हैं कि राजनीति में दोस्ती और दुश्मनी दोनों नहीं होती है राजनीति में सब मतलब के यार होते हैं ऐसे में अखिलेश यादव को भी विधानसभा चुनाव 2022 में शिवपाल यादव के साथ की जरूरत थी तो शिवपाल यादव को भी अखिलेश यादव की उतनी ही जरूरत थी.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने आपसी नाराज़गी मिटाकर दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन पर जताई सहमति

क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव में परिवार की फूट के बाद अखिलेश यादव को करारी हार झेलनी पड़ी थी. 2017 कि विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने कांग्रेश के साथ गठबंधन किया था लेकिन यह गठबंधन पूर्ण रूप से नाकाम साबित हुआ नारे तो ऐसे लगाए जा रहे थे कि दोनों युवा मिलकर आगे आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति का इतिहास लिखेंगे लेकिन मोदी मैजिक के आगे दोनों युवा फीके पड़ गए. खैर विधानसभा चुनाव 2022 यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की जोड़ी क्या गुल खिलाने वाली है.

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