Tata Bribery Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने टाटा प्रोजेक्ट्स से जुड़े रिश्वत मामले में ‘पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया’ के कार्यकारी निदेशक बी.एस. झा सहित निजी कंपनी के 5 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को गिरफ्तारी की जानकारी दी। बताया गया कि गिरफ्तार किये गये निजी कंपनी के अधिकारियों में उसके कार्यकारी उपाध्यक्ष देशराज पाठक और सहायक उपाध्यक्ष आर.एन. सिंह शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सभी छह आरोपपियों को बृहस्पतिवार को पंचकूला (हरियाणा) की एक अदालत में पेश किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के चलते कथित रिश्वत लेने से संबद्धित है। सीबीआई ने बुधवार को गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम समेत अन्य स्थानों पर अपना तलाशी अभियान चलाया था और इस दौरान झा के गुरुग्राम परिसर से 93 लाख रुपये नकद बरामद किये गए। अधिकारियों के मुताबिक, टाटा प्रोजेक्ट्स को विश्व बैंक से पोषित नॉर्थ ईस्टर्न रीजन पावर सिस्टम इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत ठेके दिए गए थे, जो क्षेत्र के बिजली बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए एक व्यापक योजना है। इसके तहत कंपनी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र में काम कर रही थी।
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झा वर्तमान में ईटानगर में पदस्थ हैं। सीबीआई झा पर नजर रख रही थी और इसी दौरान सूचना मिली कि झा विभिन्न कार्यों के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स और अन्य कंपनियों के अधिकारियों से रिश्वत ले रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी के अधिकारियों ने अवैध रकम के लेन-देन होने वाले स्थान पर छापेमारी कर बुधवार को आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
टाटा ने किया मजबूत मानदंडों का पालन करने का दावा
टाटा प्रोजेक्ट्स के प्रवक्ता ने कहा, हम अपने सभी व्यावसायिक लेनदेन में मजबूत मानदंडों का पालन करते हैं। इसमें किसी तरह की गड़बड़ के प्रति जीरो टॉलेरेंस नीति अपनाते हैं। इस मामले में हम संबंधित विभागों को अपना पूरा सहयोग प्रदान करेंगे।
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