कोरोना महामारी के चलते जिस प्रकार फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जा रही है, उसी प्रकार देश की इकॉनमी को भी बूस्टर डोज मिलेगा। दरअसल विश्व बैंक ने नरेंद्र मोदी सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की तारीफ की है। विश्व बैंक के मुताबिक इस योजना की मदद से भारत की अर्थव्यवस्था 8.7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। भारत इस बढ़ोतरी के साथ चीन जैसे देशों को भी पछाड़ सकता है। आपको बता दे कि चीन, इंडोनेशिया और बांग्लादेश की विकास दर क्रमशः 5.1 फीसदी, 5.2 फीसदी और 6.4 फीसदी है। लेकिन भारत की विकास दर इन देशों की से बढ़ने की उम्मीद है।

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बता दें कि कोविड महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत घरेलू स्तर पर उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने की योजना है। सरकार ने इस स्कीम में पांच साल की अवधि के लिए 13 प्रमुख क्षेत्र को शामिल किया है। इसमें दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों के लिए योजना शुरू की है। इन सेक्टर्स के लिए योजना 1.97 लाख करोड़ रुपये की है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया था कि इस प्रोत्साहन योजना से अगले पांच वर्षों में देश के उत्पादन में 520 अरब डॉलर की वृद्धि होने की उम्मीद है।

विश्व बैंक ने वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.3 फीसदी रखने का पूर्वानुमान जताया है। पिछले साल के जून महीने में भी विश्व बैंक ने भारत की वृद्धि दर 8.3 फीसदी रहने का ही अनुमान जताया था। विश्व बैंक ने वैश्विक आर्थिक संभावनाओं पर जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यवस्था को संपर्क-बहुल सेवाओं की बहाली से लाभ होना चाहिए। इसके अलावा मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतिगत समर्थन से भी इसे मदद मिलेगी।

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