डीएनपी डेस्क: बिहार में इन दिनों शराबबंदी कानून चर्चा का विषय बना हुआ है. कई राजनीतिक पार्टी नीतीश सरकार के शराबबंदी कानून पर विरोध जता रही है, लेकिन इस सबके बीच शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) ने कानून का समर्थन किया है. विजय कुमार चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि कानून में ऐसा कोई संशोधन नहीं होने जा रहा या किसी को मौका नहीं दिया जा रहा जिससे कोई जुर्म करके बच जाए. बताते चलें कि इससे पहले यह खबर आ रही थी कि राज्य सरकार शराब बंदी कानून में कुछ ढ़ील दे सकती है. आपको बता दें कि आज (शुक्रवार) बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि किस संशोधन से क्या फायदा होता है यह तो कभी विमर्श में आया ही नहीं है. अभी हमारे सामने कोई तथ्य ही नहीं है कि जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाएगा या क्या किया जाएगा.

जुर्माना देकर छूट जाएंगे पहली बार शराब पीने वाले

हाल के दिनों में अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में एक रिपोर्ट छपी थी. रिपोर्ट में बारिकी से शराबबंदी कानून में होने वाले संसोधन पर चर्चा की गई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अब पहली बार शराब पीने वालों को गिरफ्तार करने के बजाय जुर्माना लगाया जाएगा. केसों को वापस लिया जा सकेगा. जिस वाहन में शराब पकड़ी गई है उसे जब्त नहीं किया जाएगा और यदि किया जाता है तो जुर्माना वसूलने के बाद उसे छोड़ दिया जाएगा. तत्काल गिरफ्तारी से संबंधित खंड को हटाया जा सकता है। वहीं अवैध तरीके से शराब बनाने, बेचने या वितरित करने वालों को कानून की सख्ती का सामना करना पड़ेगा.

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शराबबंदी पर हुई सरकार की आलोचना

आपको बता दें कि इन दिनों बिहार में शराब बंदी कानून पर बहस छिड़ी हुई है. इसको लेकर देश भर में नीतीश सरकार की आलोचना हो रही है. पिछले महीने भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने बिहार सरकार के शराब बंदी कानून पर सवाल उठाए थे. उन्होंने इसे ‘दूरदर्शिता की कमी’ के उदाहरण के तौर पर चिह्नित किया था. उन्होंने कहा था कि इसका परिणाम यह है कि उच्च न्यायालय ‘जमानत आवेदनों से भरा हुआ है … एक साधारण जमानत आवेदन को निपटाने में एक वर्ष का समय लगता है.’

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Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

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