Udaipur: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभी एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि राजस्थान चिकित्सा और शिक्षा क्षेत्र में काफी आगे बढ़ रहा है। चिकित्सा को लेकर भले ही सुख सुविधाएं संपन्न हुई है लेकिन शिक्षा के हाल बेहाल नजर आए हैं। आदिवासी क्षेत्र में बच्चों के ड्रॉप आउट होने के पीछे सबसे बड़ा कारण गरीबी हैं। गरीबी के कारण कम उम्र में ही बच्चे दूसरे राज्यों में मजदूरी के लिए चले जाते हैं।

हाल ही में उदयपुर जिले की रिपोर्ट में पता चला कि 11000 बच्चे ड्रॉप आउट हुए हैं। दलाल बच्चों को पैसों का लालच देकर मजदूरी के लिए बड़ी संख्या में गुजरात ले जाते हैं। पुलिस द्वारा रेस्क्यू करने के बाद भी बच्चों को कानूनी रूप से फिर से माता-पिता को सौंप दिया जाता हैं। ऐसे में बच्चे स्कूल ना जाकर फिर से मजदूरी के लिए निकल जाते हैं। यही कारण है कि बच्चे स्कूल से वंचित रह जाते हैं। इसके लिए सरकारी कई योजनाएं भी हैं लेकिन इनका सही तरीके से पालन नहीं होता।

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उदयपुर जिला कलेक्टर तारा मीनाचंद ने सभी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि विद्यार्थियों को स्कूलों से जोड़ना ही काफी नहीं है बल्कि उन्हें शिक्षा से भी जोड़ना हैं। एक प्रकार का सर्वे भी कराया गया था जिसमें करीब 11,000 बच्चे स्कूल से दूर पाए गए। अब शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि 28 जुलाई तक ब्लॉक और गांव में बच्चों की सूची बनाई जाएगी। जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं उनको स्कूलों से जुड़ा जाएगा और सभी प्रकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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