UP politics: यूपी में इस समय बहुजन समाज पार्टी मुस्लिम वोट बैंक बनाने पर ज्यादा फोकस कर रही है। अब इसी कड़ी में इरफान मलिक एआईएमआईएम पार्टी छोड़कर बसपा में शामिल हो गए हैं। बसपा चीफ मायावती उत्तर प्रदेश में अपनी जनाधार बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए हैं। पूर्वी और पश्चिमी यूपी पर अपनी नजर बनाए हुए मायावती वहां के मुस्लिम नेताओं को पार्टी में शामिल करने की योजना बना रही है। इरफान मलिक के बसपा में शामिल होने पर अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है।

राजनीति में जाना-माना चेहरा

बता दें कि इरफान मलिक को पश्चिमी यूपी की राजनीति में जाना-माना चेहरा माने जाता है। इरफान मुस्लिम वोट खींचने में मायावती के बेहद काम आ सकते हैं। इसके अलावा पश्चिमी यूपी के साथ ही बहुजन समाज का फोकस अब पूर्वांचल की तरह है। इसमें इरफान मलिक को टीम में शामिल करना कारगर साबित हो सकता है। मायावती ने इरफान के पार्टी में शामिल होते ही एक बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी। उन्हें पश्चिमी यूपी में बसपा संयोजक बना दिया गया। इसके अलावा पूर्वांचल की भी जिम्मेदारी को लेकर बसपा अभी कार्य योजना बना रही है।

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मजबूत रही राजनीतिक पृष्ठभूमि

अब इरफान मलिक के राजनीतिक करियर की बात करें तो उनकी पृष्ठभूमि काफी मजबूत है। इरफान मलिक के पिता कमाल मलिक डुमरियागंज से पांच बार विधायक और मंत्री भी रह चुके हैं। अभी हाल ही में कमल सिंह का निधन हो गया। बता दें कि साल 2012 में इरफान मलिक एआईएमआईएम पार्टी में शामिल हुए थे और उन्हें पार्टी ने 2 दिन बाद ही यूपी विधानसभा का टिकट दिया था इसके बाद 2022 में भी उन्हें पार्टी का टिकट दिया गया और डुमरियागंज से उम्मीदवार बनाया गया। लेकिन उन्हें सपा उम्मीदवार के आगे हार का सामना करना पड़ा।

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