आधिकारिक आदेश में लिखा है “संविधान के अनुच्छेद 174 के खंड (2) के उप-खंड (ए) द्वारा मुझे प्रदान की गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मैं, पश्चिम बंगाल राज्य के राज्यपाल, जगदीप धनखड़, 12 फरवरी, 2022 से पश्चिम बंगाल विधानसभा का सत्रावसान करता हूं।”

https://twitter.com/jdhankhar1/status/1492390605301121027?s=20&t=ousT5Rmp9Dq5Fgtn-fmi5Q

इससे पहले विधानसभा का बजट सत्र जल्द ही शुरू होने वाला था। अब, राज्य सरकार को विधानसभा का अगला सत्र शुरू करने से पहले राज्यपाल से अनुमति लेनी होगी और इसकी शुरुआत उनके भाषण से करनी होगी। राज्यपाल ने थोड़ी देर बाद स्पष्ट दिया कि बंगाल सरकार की सिफारिश पर विधानसभा का सत्रावसान किया गया है। राज्यपाल ने ट्वीट किया, “मीडिया के एक वर्ग में ग़लत रिपोर्टिंग को देखते हुए, सभी को यह बताया जाता है कि राज्यपाल ने विधानसभा का सत्रावसान करने की सरकार की सिफारिश को ध्यान में रखते हुए विधानसभा का सत्रावसान किया है।”

https://twitter.com/jdhankhar1/status/1492408019535429632?s=20&t=45FjSKXGiQ3wItOJWa41jQ

गवर्नर बनाम बंगाल सरकार
राज्यपाल के इस आदेश को बताया जा रहा है कि यह आदेश टीएमसी की सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल धनखड़ के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान के बीच आया है। शुक्रवार को टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रे ने राज्यसभा में नियम 170 के तहत एक मूल प्रस्ताव पेश किया, जिसमें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद से हटाने का आग्रह किया गया था। टीएमसी ने नियमित रूप से शिकायत की है कि राज्यपाल राज्य सरकार की गतिविधियों में हस्तक्षेप करते हैं।

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दूसरी ओर, राज्यपाल धनखड़ को लगातार देखा जाता है कि वह नियमित रूप से बंगाल राज्य सरकार के कामो की जम कर आलोचना करते हैं। मालूम हो कि अभी हाल ही में सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल धनखड़ को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया है।

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