Uttarakhand Government Updates: राज्य में सरकार के गठन के लिए आज रविवार को होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक अब टल चुकी है। लेकिन प्रदेश के बड़े भाजपा नेताओं की दिल्ली की दौड़ जारी है। भाजपा हाई कमान ने अचानक आज पुष्कर सिंह धामी और मदन कौशिक को दिल्ली तलब किया है। वहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत को पहले ही दिल्ली बुला लिया गया था।

उत्तराखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं। धामी की हार ने 70 में से 47 सीट जीतने वाली भाजपा को नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चिंतित मन में डाल दिया है। भाजपा में जहां सतपाल महाराज और धन सिंह रावत जैसे सीनियर नेताओं को कुर्सी सौंपने की चर्चाएं सुनने को मिल रही हैं, वहीं जोशीले अनिल बलूनी और अजय भट्‌ट के नाम भी जोर-शोर से उछल मार रहे है लोग। इन सब के बीच पार्टी का एक गुट अब भी पुष्कर सिंह धामी को ही मुख्यमंत्री बनाने की फ़िराक़ में है। ऐसे में भाजपा हाई कमान इन्ही नामो में से एक नाम चुन के सूबे की गद्दी सौप देने वाला है।

आइये जानते है कौन 6 नेता आज बन सकते है मुख्यमंत्री, कौन 6 नेता है इस दौड़ में :

पहला नाम है उत्तराखंड के पहले भाजयुमो अध्यक्ष पुष्कर सिंह धामी का:
पुष्कर सिंह धामी भले ही इस बार के विधानसभा का चुनाव हार गए हों। लेकिन, अब भी इनको मुख्यमंत्री बनाने की मांग जोर शोर से चल रही है। इसके वज़ह है, पार्टी में पुष्कर की मजबूत पकड़ और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से बेहद करीबी सम्बन्ध होना। इसके अलावा धामी के रिश्ते देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी है। जब उत्तराखंड अलग राज्य बना था, तब धामी भारतीय जनता युवा मोर्चा के राज्य के प्रदेश अध्यक्ष चुने गए थे।

दूसरा नाम है धन सिंह रावत:
धन सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति का बड़ा नाम है, धन सिंह रावत ने राम जन्मभूमि आंदोल में हिस्सा भी लिया था और इसके लिए जेल भी गए थे। राज्य में छुआछूत, बाल विवाह और शराब के खिलाफ भी अभियान चलाया है धन सिंह रावत ने। ग़ौर करने वाली बात है कि यह पहली बार नहीं है, जब धन सिंह रावत का नाम उत्तराखंड के CM के तौर पर आया हो। इससे पहले मार्च 2021 में भी धन सिंह रावत को अगले CM के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन बाजी मारी गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत ने। और उनके बाद पुष्कर सिंह धामी ने।

तीसरा नाम है मदन कौशिक:
भाजपा के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष और 5 बार के विधायक रह चुके मदन कौशिक का नाम भी मुख्यमंत्री की दौड़ में आगे माना जा रहा है। पिछली बार भी उनके नाम की काफ़ी चर्चाएं थीं। लेकिन चुनाव का समय नजदीक होने और उनके पास प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी होने के कारण मदन कौशिक के नाम को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अंत में पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया गया था।

चौथा नाम है- सब्जी की दुकान पर काम करने से ले कर मोदी कैबिनेट में मंत्री बने अजय भट्‌ट का:
अजय भट्‌ट के बचपन में ही उनके पिता कमलापति भट्ट का निधन हो गया था। तभी से अजय भट्ट ने एक छोटी सी सब्जी की दुकान में काम किया। और अपना परिवार संभाला। पढ़ लिखकर वकील बनें और आज केंद्र की सरकार में रक्षा राज्य मंत्री और पर्यटन राज्य मंत्री का जिम्मा संभाल रहे हैं। भट्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पू्र्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को 2019 के आम चुनाव में तीन लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। उत्तराखंड में कांग्रेस शासनकाल में भट्ट ने नेता प्रतिपक्ष की बखूबी भूमिका निभाते हुए कांग्रेस को कई बार सदन में आड़े हाथों भी लिया है।

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पांचवा नाम है- पत्रकार रहे से लेकर, मोदी-शाह के करीबी बनाने वाले नेता अनिल बलूनी का:
अनिल बलूनी उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी हैं। अनिल ने उत्तराखंड की जमीन से ही सियासत सीखी है। अनिल बलूनी को शांत स्वभाव के नेताओं में गिना जाता है। एक समय अनिल बलूनी पत्रकार हुआ करते थे और आज वह प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के करीबियों में गिने जाते हैं। पार्टी में उनकी अच्छी पकड़ है। अनिल उत्तराखंड के लोगों की नब्ज टटोलने में माहिर हैं।

आख़िरी नाम है उत्तराखंड के बड़े नेता सतपाल महाराज का:
उत्तराखंड की राजनीति में सतपाल महाराज बड़ा नाम है। सतपाल महाराज ने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस के साथ शुरू किया था। नारायण दत्त तिवारी ने जब कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई, तो सतपाल महाराज उसके प्रदेश अध्यक्ष बने। देवगोड़ा सरकार और गुजराल सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। बाद में वे कांग्रेस में वापस आ गए।

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