Bipolar disorder एक ऐसी बीमारी है जो मानसिक रोग को जन्म देती है। इससे सिर में काफी तनाव होना, चक्कर आना, सिर का घूमना जैसे लक्षण पाए जाते हैं। इसको किसी बीमारी का नाम नहीं दिया गया है क्योंकि रिसर्च करने पर अभी तक ऐसी कोई खोज नहीं की है जिससे इस बीमारी का पता चल पाया है कि शरीर में ऐसा क्या रोग हो सकता है कि पता चल सके अगर किसी व्यक्ति को बाइपोलर डिसऑर्डर बीमारी है? ऐसे कारक जिसकी वजह से इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। बाइपोलर डिसऑर्डर डिप्रेशन को जन्म देता है। लगभग 20 साल या इससे ऊपर की उम्र के लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं जो मानसिक तनाव से ग्रस्त होते हैं। यह बीमारी वैसे तो किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन ज्यादातर एडल्ट लोग ही इस बीमारी से ग्रस्त होते हैं।

इस बीमारी का पता करने के लिए उस इंसान को यह बीमारी है कि नहीं आपको कुछ ऐसे लक्षण देखने को मिलेंगे, जैसे कि चिड़चिड़ापन होना, बहुत थकान सा महसूस करना, काम पर ध्यान ना देना, अलग सा व्यवहार करना, अपना नियंत्रण खो देना या फिर आत्महत्या जैसी नकारात्मक चीजें करने की कोशिश करना, कुछ ऐसे लक्षण देखने को मिलेंगे जो बाइपोलर डिसऑर्डर बीमारी के अंतर्गत देखे जाते हैं। इस बीमारी के चपेट में आने से व्यक्ति का अपने जीवन के प्रति बुरा भाव प्रतीत होने लगता है वह अपने जीवन से छुटकारा पाना चाहता है जिसकी वजह से वह सुसाइड करने की भी कोशिश करता है। कभी-कभी ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर की गड़बड़ी की वजह से भी बाईपोलर डिसऑर्डर बीमारी हो जाती है। 

कभी-कभी अकेलापन भी इस बीमारी का कारण हो सकता है। बीमारी में दवा की जरूरत कम होती है और सहारे और प्यार की जरूरत ज्यादा होती है। अगर किसी को भी इस बीमारी के जरा सी भी लक्षण दिखते हैं तो वह किसी विशेषज्ञ से सलाह ले और तभी दवा का सेवन करें। अपने शौक के अनुसार काम करें और शराब का सेवन न करें। कुछ लोग तो इस रोकथाम के लिए सप्लीमेंटस लेने लगते हैं। अगर आपको सप्लीमेंट्स लेना ही है तो डॉक्टर की सलाह से लें नहीं तो यह बिना जानकारी के दुष्प्रभाव भी डाल सकता है।

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