इस कोरोना काल ने कई बच्चों को अनाथ कर दिया तो वहीं कई माँ बाप की ज़िन्दगी सूनी कर दी। वैसे तो इस साल का हर दिन बुरा है लेकिन आज का दिन और दिनों की तरह बुरा नहीं बल्कि कुछ ख़ास है, क्यूंकि हर साल जून की 1 तारीख को द ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स मनाया जाता है। वैश्विक दिवस के पीछे का उद्देश्य दुनिया भर के माता-पिता को सम्मान देना रखा गया। वैसे तो माता-पिता का हमारे जीवन में जो स्थान होता है या माता-पिता के लिए हमारे दिल में जो सम्मान होता है उसे चाहकर भी कोई मिटा नहीं सकता। हर दिन माता-पिता को सम्मानित किया जाना चाहिए, उन्हें इस बात का एहसास हमेशा दिलाना चाहिए कि हम दुनिया में उनकी संतान बनकर आये जिसके लिए हम उनके आभारी है और किस्मत से भाग्यशाली है। अपने माता पिता को इस बात का भी एहसास करना चाहिए कि वो हमारे जीवन में कितने अहम हैं।

इस ख़ास दिन की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2012 में की थी। 80 के दशक से संयुक्त राष्ट्र संघ ने ‘परिवार से जुड़े मुद्दों पर फोकस करना’ शुरू किया। 17 जून, 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पास कर 1 जून को वैश्विक दिवस घोषित करने का फैसला किया। प्रस्ताव में कहा गया कि – महासभा सिविल सोसायटी, विशेषकर बच्चों और युवाओं के साथ पूरी साझेदारी में ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स मनाने का सदस्य देशों को निमंत्रण देती है।

Share.
Exit mobile version