Chanaky Neeti: चाणक्य के बारे में कौन नहीं जानता वह वेदों का ज्ञाता और तक्षशिला का मुख्य चार था। चाणक्य की बताई गई बातें जीवन जीवन में काफी मदद करती है विद्वानों के विचार सफलता में सहायक होती है यही कारण है कि सफल व्यक्ति विद्वानों की बताई बातों का अनुसरण करते हैं अजय चाणक्य नीति में ऐसी बताई गई बातें वस्तुओं के बारे में बात करने जा रहे हैं।

कान्ता वियोगः स्वजनापमानि ।
ऋणस्य शेषं कुनृपस्य सेवा ।।
कदरिद्रभावो विषमा सभा च ।
विनाग्निना ते प्रदहन्ति कायम् ।।

चाणक्य नीति आचार्य चाणक्य श्लोक के माध्यम से यह समझाने की कोशिश करते हैं कि किसी भी मनुष्य के लिए पत्नी द्वारा वियोग होना, अपने ही लोगों द्वारा बेइज्जत होना। कर्ज , दुष्ट राजा की सेवा करना। गरीब और कमजोर लोगों की सभा में सम्मिलित होना यह बातें शरीर को बिना आदमी के ही जला देती है।

चाणक्य नीति के अनुसार जिस व्यक्ति की पत्नी नहीं है उसका कष्ट कोई दूसरा नहीं समझ सकता है। इस प्रकार से किसी शक्तिशाली व्यक्ति की सेवा करना भी ऐसा कष्ट है जो ना चाहते हुए भी बर्दाश्त करना पड़ता है। चाणक्य ने जो स्थितियां बताई है अगर उनका सामना करना पड़ रहा है तो एक मनुष्य के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति होती है।

https://www.dnpindiahindi.in/lifestyle/honey-tips-use-honey-like-this-to-cure-hormonal-imbalance/165379/

दुराचारी दुरादृष्टिर्दुरावासी च दुर्जनः ।
यन्मैत्रीक्रियते पुम्भिर्नरःशीघ्रं विनश्यति ।।

चाणक्य नीति के इस श्लोक का अर्थ समझना बहुत ही जरूरी है चाणक्य कहते हैं कि जो लोग अपनी संगत पर ध्यान नहीं देते और गलत और अनैतिक कामों में लिप्त रहने वालों के संपर्क में रहते हैं, उन्हें बर्बाद होने से कोई नहीं रोक सकता। युवाओं को इस पर जरूर ध्यान देना चाहिए। युवावस्था में गलत लोगों की संगत पूरे जीवन को पूरी तरह से बर्बाद कर सकती है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो पर सकते हैं।

Share.
Exit mobile version