महाराष्ट्र पुलिस ने अमरावती हिंसा मामले में भाजपा के पूर्व मंत्री अनिल बोंडे के साथ-साथ 132 नेताओं को गिरफ्तार किया है। दरअसल यह सभी नेतागण अमरावती में 13 नवंबर को भाजपा द्वारा चालू किए गए भारत बंद आंदोलन में शामिल थे और इस बीच अचानक से जगह-जगह पर भीड़ द्वारा पथराव किया जाने लगा। तनाव की स्थिति को बढ़ता देख कर्फ्यू लगा दिया गया। इस पूरे मामले में पुलिस के अलावा शहर के मेयर और कई स्थानीय बीजेपी नेताओं को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया, परंतु बाद में इन सभी नेताओं को जमानत पर छोड़ दिया गया।

इस गिरफ्तारी में कई बड़े नेताओं का नाम शामिल है। जैसे अमरावती जिले के भाजपा अध्यक्ष निवेदिता चौधरी दूसरी तरफ शहर के महापौर चेनत गांवडे और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी समेत और भी कई ऐसे नेता इस मामले में शामिल थे। जोकि भाजपा पार्टी में बड़े-बड़े पद पर आसीन हैं। अमरावती की पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने अपनी जवाबदेही में कहा है कि “कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जा रही है और अभी गृह विभाग के निर्देशानुसार कर्फ्यू के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।”

बता दे कि गिरफ्तारियों का यह सिलसिला मात्र भाजपा नेताओं के साथ ही खत्म नहीं हुआ। शुक्रवार और शनिवार के बाद हुई हिंसक घटनाओं के संबंध में भी 26 अलग-अलग जगह से और अलग-अलग अपराधों में 14,673 लोगों पर मुकदमा दायर किया गया।

त्रिपुरा में भी भड़की हिंसा

एक तरफ त्रिपुरा में भी संप्रदायिक हिंसा में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस हिंसा के विरोध में शुक्रवार के दिन रजा अकैडमी द्वारा बिना परमिशन के कई स्थानों पर जो रैलियां निकाली गई थी उनमें पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आई। इस प्रकार ना सिर्फ महाराष्ट्र के अमरावती में बंद के दौरान भीड़ द्वारा दुकानों पर पथराव करने के बाद चार दिनों का कर्फ्यू लगाया गया, बल्कि और भी कई जरूरी सेवाएं बाधित कर दी गई। इनमें सबसे जरूरी इंटरनेट सेवा को भी कुछ समय के लिए रद्द कर दिया गया।

एमवीए के प्रवक्ता नवाब मलिक ने किया भाजपा की नीतियों का कटाक्ष

इस हिंसा को लेकर विपक्ष भी भाजपा पर खूब निशाने साध रहा है। एमवीए के प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी इस संदर्भ में एक बयान देते हुए कहा कि “बोंडे ने दंगा भड़काने की साजिश रची थी। पुलिस को जानकारी मिली है कि शराब और पैसे बांटे गए। दंगे भड़काने के लिए मुंबई से पैसा बांटा गया। इसका वितरण विधायकों के माध्यम से किया गया। हालांकि मामले की जांच चल रही है।” मलिक के आरोप प्रत्यारोप मात्र यही तक शांत नहीं हुए उन्होंने आगे भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “जब भाजपा के विपक्ष शासित राज्यों में सरकारों को अस्थिर करने के लिए सभी हथियार खत्म हो जाते हैं, तो वह दंगों को अंतिम उपाय के रूप में इस्तेमाल करते हैं।”

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