सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए ‘JAM’ वाले बयान पर एक बड़ा तंज कसा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके अखिलेश यादव ने अपने द्वारा दिए गए बयान में कहा कि “भाजपा के ‘JAM’ का मतलब है। J से झूठ, A से अहंकार और M का मतलब है महंगाई।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए ‘JAM’ वाले बयान पर एक बड़ा तंज कसा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके अखिलेश यादव ने अपने द्वारा दिए गए बयान में कहा कि “भाजपा के ‘JAM’ का मतलब है। J से झूठ, A से अहंकार और M का मतलब है महंगाई” बता दे कि अखिलेश यादव ने यह टिप्पणी गृह मंत्री अमित शाह के बयान के पलटवार में की है। सपा अध्यक्ष मात्र इन टिप्पणियों तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि उन्होंने भाजपा पर कई आरोप भी लगाए। गौरतलब है कि रविवार के दिन सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कुशीनगर गए थे। यहीं उन्होंने अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए एक नई बहस छेड़ दी।

आखिर क्या था अमित शाह का बयान?

शनिवार के दिन आजमगढ़ में स्टेट यूनिवर्सिटी की आधारशिला स्थापित की गई थी। गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस खास अवसर पर स्टेट यूनिवर्सिटी में पहुंचे हुए थे। इस दौरान अमित शाह ने ना सिर्फ अखिलेश यादव के खिलाफ टिप्पणियां की बल्कि पूरी सपा पार्टी पर भी तंज कसे। शाह ने कहा कि “पीएम नरेंद्र मोदी भी ‘JAM’ लाए हैं ताकि भ्रष्टाचार के बिना खरीदी हो सके” सिर्फ यही नहीं शाह ने ‘JAM’ का फुल फॉर्म भी इस दौरान पूरी तरह स्पष्ट किया है।

उनके द्वारा बताए गए फुल फॉर्म के अनुसार J का मतलब है जनधन खाता, A से आधार और M का मतलब है हर हाथ में मोबाइल, सपा पर अगला पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा कि “जब मैंने गुजरात में यह बयान दिया तो सपा के नेता ने कहा कि हम भी ‘JAM’ लाए हैं। सपा के ‘JAM’ का मतलब है J से जिन्ना, A से आजम खान और M का मतलब है मुख्तार”।

अखिलेश ने भाजपा के खिलाफ लगाई आरोपों की झड़ी

अमित शाह के द्वारा दिए गए इस बयान के बाद अखिलेश यादव ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। अखिलेश यादव ने भी अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि “भाजपा ने पिछले सालों में अपना संकल्प पत्र भी पलटकर नहीं देखा है। भाजपा सरकार ऐसे कानूनों को देश में लागू करना चाहती है जो किसानों की खेती छीन लेंगे। भाजपा सरकार ने किसानों की खुशहाली के लिए एक भी फैसला नहीं लिया है।” इसके बाद अखिलेश ने ना सिर्फ पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का ज़िक्र किया बल्कि समाजवादी पार्टी के द्वारा किए गए कार्यो का भी गुणगान किया।

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