2022 के युद्ध के लिए उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दल अपने चुनावी अभियान को लगातार धार देने में जुटे हुए हैं। बसपा-सपा के बाद अब बीजेपी ने प्रबुद्ध सम्मेलन की शुरुआत कर दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रबुद्ध सम्मेलन की शुरुआत वाराणसी से की है। उत्तर प्रदेश में 2022 के युद्ध के लिए सियासत प्रबुद्ध है। जी हां प्रबुद्ध, ये प्रबुद्ध कौन हैं, ये भी आपको बताएंगे, क्या प्रबुद्ध सम्मेलन से ही सत्ता मिलेगी ये भी बड़ा सवाल है। आखिर प्रबुद्ध सम्मेलन की सभी पार्टियों में होड़ क्यों लगी है। ये सवाल भी आपके जहन में जरूर आ रहा होगा। पहले बीएसपी फिर सपा और अब बीजेपी ने भी प्रबुद्ध सम्मेलन की शुरुआत वाराणसी से कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कमच्छा में सीएम योगी ने सम्मेलन की शुरुआत करते हुए यूपी सरकार की तमाम उपलब्धियां गिनाई।

प्रबुद्ध सम्मेलन से सीएम का ‘मंत्र’

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की छवि देश और दुनिया में बदली है। बीते साढ़े चार साल में समाज के सभी वर्ग के लोगों ने सहयोग किया और उसका परिणाम आज सामने है। हम निरतंर प्रगति की राह पर हैं और 5 साल बाद व्यापक बदलाव देखने को मिलेंगे। सीएम योगी ने आगे कहा कि, देश में 1947 से सरकारें चली आ रही हैं। इतने लम्बे समय बाद भी सरकार का विकास का विजन तय नहीं हो पाता था, अपने एक संकीर्ण एजेंडे के साथ सरकारें आती-जाती थीं। सीएम ने कहा कि आजादी के बाद भारतीयता से जुड़े लोगों को हतोत्साहित किया गया। इससे इतर पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय आस्था व संस्कृति की आत्मा की पहचान वाले देश के स्थानों की पहचान को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया गया। योग दिवस व कुंभ को वैश्विक आयाम मिला।

किसके साथ प्रबुद्ध वर्ग ?

इससे पहले पहले सीएम योगी का उड़नखटोला पुलिस लाइन के ग्राउंड में उतरा जहां से सीएम सीधे सर्किट हाउस गए। सर्किट हाउस में विकास कार्यों की समीक्षा की। साथ ही मौसमी बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी ली। इसके बाद वह कमच्छा स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के शिक्षा संकाय के चाणक्य सभागार में भाजपा के प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे। प्रबुद्ध सम्मेलन में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे प्रबुद्धजनों जैसे कि शिक्षकों, प्रोफेसरों, इंजीनियरों, डॉक्टरों, साहित्यकारों और सामाजिक कार्यों से जुड़े लोगों के साथ मुख्यमंत्री ने संवाद किया और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। बता दें कि बीजेपी का प्रबुद्ध सम्मेलन 6 से 20 सितंबर के बीच यूपी की सभी 403 विधानसभा सीटों पर होगा। लेकिन सवाल ये कि क्या प्रबुद्ध सम्मेलन से सत्ता मिलेगी। इस सवाल के जवाब के लिए अभी छह महीने का इंतजार करना होगा।

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