यूपी के सियासी गलियारे में इन दिनों सपा सांसदों की बदजुबानी सुर्खियां बटोर रही हैं। एसटी हसन के बाद अब सपा सांसद शफीकुर्रहमान के बिगड़े बोल सामने आए हैं। बर्क साहब ने तो बदजुबानी में सभी को पीछे छोड़ दिया। समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने बीजेपी पर बड़े गंभीर आरोपों का पुलिंदा मढ़ दिया। सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि कोरोना कोई बीमारी है ही नहीं। कोरोना अगर बीमारी होती तो दुनिया में इसका इलाज होता. ये बीमारी सरकार की गलतियों की वजह से आजादे इलाही है जो अल्लाह के सामने रोकर गिड़गिड़ाकर माफी मांगने से ही खत्म होगी। एसपी सांसद ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने शरीयत से ही छेड़छाड़ नहीं की है, लड़कियों को पकड़वा कर रेप करवाने मॉब लीचिंग और तमाम जुल्म ज्यादतियां की हैं। जिसकी वजह से करोना जैसी आसमानी आफत सामने है।

विवादों से बर्क का पुराना नाता  

ये पहला मौका नहीं है जब फीकुर्रहमान बर्क ने इस तरह का बयान दिया हो। इससे पहले अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर का शिलान्यास करने को लेकर समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क ने गैर कानूनी करार दिया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि सत्ता और हिंदुत्व के बल पर इन्होंने अदालत में जज रंजन गोगोई से दबाव में फैसला लिखवा लिया और फिर उन्हें राज्यसभा का सांसद बना दिया गया। फैसला सत्ता से प्रभावित हुआ है। इन्होंने वहां भले मंदिर बना लिया है लेकिन मुसलमानो की नजर में वो मस्जिद की जगह है।

गुमराह करने वाली राजनीति क्यों ?

ये साफ है कि शफीकुर्रहमान बर्क बेतुके तर्कों से अपने समर्थकों को गुमराह कर रहे हैं। खैर इस लाइन में सिर्फ बर्क साहब ही नहीं है बल्कि इनके एक और साथी एसटी हसन भी सरकार के विरोध में कुछ भी करने को तैयार हैं। मुरादाबाद में एसपी सांसद एसटी हसन ने बयान देकर ये कहा था कि बीजेपी सरकार ने अपने सात साल के कार्यकाल में शरीयत से इतनी छेड़छाड़ की है जिसकी वजह से करोना बीमारी और आंधी-तूफान जैसे तमाम आसमानी आफतें सामने आ रही हैं। जाहिर है सपा सांसदों के ये बयान उनके गले की ही फांस बनेंगे। लेकिन सवाल है कि आखिर ये माननीय ऐसे बेतुके बोल क्यों बोल रहे हैं। ऐसे बयान देने पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न हो ?

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